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    दिल्ली दंगों के दो साल बाद भी शहीद अंकित शर्मा के परिजनों को न्‍याय का इंतजार

  • February 25, 2022

    नई दिल्‍ली। दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के 2 साल बीत गए हैं और कोर्ट (court) में मामला चल रहा है. लेकिन 2 साल बाद भी आईबी के अफसर शहीद अंकित शर्मा (IB officer martyr Ankit Sharma) के परिवार ने खजूरा खास स्थित घर छोड़ दिया है और पड़ोसी जिले गाजियाबाद (Ghaziabad) में चले गए हैं। अंकित के भाई अंकुर शर्मा ने कहा कि भाई की बहुत याद आती थी। अंकित के पिता को पहले ही हार्ट अटैक हो चुका है।

    जब भी वो से गली गुजरते तो लोग मरहूम अंकित के व्यवहार का जिक्र कर देते. ऐसे में बूढ़े मां-बाप और भाई ने तय किया कि दिल्ली से दूर चले जाएंगे, तो भाई की याद कम होगी और पिता की हेल्थ भी ठीक रहेगी। अंकुर ने बातचीत में कहा कि फास्ट ट्रैक में लाकर दंगे के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए. अभी केस स्लो चल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी समुदाय चाहे वो हिंदू हो या मुसलमान, किसी के साथ कोई ऐसा दंगा ना हो।



    नौकरी देने का वादा कब होगा पूरा?
    अंकुर ने कहा कि 26 मार्च, 2021 को दास ग्रेड 2 पर रेवन्यू नौकरी देने के बात दिल्ली सरकार ने कैबिनेट में पास की थी लेकिन 11 महीने के बाद भी फाइल अटकी हुई है। आईबी के अफसर अंकित शर्मा का घर जिला मुजफ्फरनगर के इटावा में है, जबकि मेरठ शामली रोड पर अंकित शर्मा के नाम से शहीद स्मारक बनाने का काम चल रहा है. 3 किलोमीटर की सड़क भी अंकित के नाम पर बन रही है।

    दंगाग्रस्त इलाकों से पलायन का दावा
    बीजेपी के फायरब्रांड नेता कपिल मिश्रा ने कोर्ट के एक फैसले का हवाला देकर कहा, ‘दंगे सुनियोजित थे, जो हिंदुओं का पलायन चाहते थे…उनका ये ऑब्जेक्टिव पूरा हुआ’. कपिल का दावा है कि करावल नगर, शिव विहार, मुस्तफाबाद आदि इलाकों से हिंदुओं का ना केवल पलायन हो रहा है, बल्कि बॉर्डर एरिया में रह रहे लोग घर भी बेच रहे हैं।

    इलाके की डिमोग्राफी को बदलना दंगाइयों का उद्देश्य
    कपिल मिश्रा ने कहा कि आईबी ऑफिसर अंकित शर्मा का परिवार दिल्ली छोड़कर जा चुका है दिलबर नेगी, कॉन्स्टेबल रतन लालदिलबर नेगी, विनोद कश्यप, दिनेश खटीक की हत्या दिल्ली की सड़कों पर की गई। लिहाजा 24 फरवरी शाम 5 बजे रथा वाला मंदिर यमुना विहार से एकता संकल्प मार्च निकाला जाएगा ये पीछे मुड़कर देखने का दिन है।

    कपिल का कहना है कि दंगे के एक्सपेरिमेंट को रेप्लीकेट किया जा रहा है. राहुल राजपूत, रिंकू शर्मा और हीरा गुजराती की हत्या भी बाद में दिल्ली में हुई. झारखंड में रूपेश और शिवमोगा के हर्ष की हत्या भी रिप्लीकेशन है. आपको बदा दें कि दंगे नॉर्थ दिल्ली और यमुनापार के इलाके में फैले थे, जहां करीब 35 लाख लोग रहते हैं. यमुनापार जीटी रोड और वजीराबाद रोड के जरिए दिल्ली जुड़ता है.

    2020 में दिल्ली में हुए थे दंगे
    गौरतलब है कि 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 23 फरवरी से 26 फरवरी तक जमकर दंगे हुए थे इस दौरान 53 लोगों की मौत हुई थी। इन दंगों में 581 लोग घायल हुए थे. 24 और 25 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था। इन दंगों के मामले में कुल 755 एफआईआर दर्ज की गई थीं। पुलिस ने दिल्ली दंगों की जांच के लिए 3 एसआईटी गठित की थी. क्राइम ब्रांच को 60 केस जांच के लिए सौंपे गए थे, जबकि 1 केस स्पेशल सेल ने दर्ज किया था. इन दंगों में जांच के दौरान 1818 गिरफ्तार किए गए थे।

     

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