- पंवासा थाना अभी किराये के भवन में बगैर सुविधाघर के चल रहा-चिंतामण थाना चद्दर के शेड के नीचे चल रहा
उज्जैन। शहर की सीमा बढ़ती जा रही है और इस मान से शहर में थानों की संख्या भी बढ़ाने की जरुरत है। तीन साल पहले दो थाने स्थापित किए थे लेकिन उनके पास आज तक भवन नहीं है और चिंताण थाना टीन शेड में संचालित हो रहा है और पंवासा थाना किराए के भवन में लग रहा है।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 से ही शहर की सीमा फैल रही है तथा उसी के अनुपात में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस विभाग द्वारा दो थाना क्षेत्र नए बनाकर वहाँ थाना भवन स्थापित करने के प्रयास किए गए थे। तब कहीं जाकर तीन साल पहले 5 जुलाई 2020 को पंवासा तथा चिंतामण थाने का शुभारंभ हो पाया था। थाने बनाने से पहले पुलिस विभाग लंबे समय से जमीन की तलाश कर रहा था। जमीन नहीं मिलने पर पंवासा थाना क्षेत्र में किराये के एक निजी भवन में शुरु किया गया था। तब से लेकर अब तक पंवासा थाना भवन में महिला पुलिसकर्मियों के लिए अलग से सुविधाघर की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इधर चिंतामण थाना भवन भी किराये की जमीन लेकर उस पर चद्दर का शेड डालकर शुरु किया गया था। यहाँ गर्मी के दिनों में हालत यह है कि स्टाप का दोपहर तक शाम तक थाना भवन में बैठना मुश्किल हो रहा है और उनके पसीने छूट रहे हैं। दोनों थानों पर पकड़ाए गए आरोपियों को रखने के लिए बंदीगृह भी नहीं है। यहाँ के बंदियों को रात में अन्य थानों में शिफ्ट करना पड़ रहा है। इस बारे में चिंतामण थाने के प्रभारी अशोक चौहान ने बताया कि थाने के नए भवन के लिए जमीन के प्रयास किए जा रहे हैं।