इंदौर। प्रदेश में भाजपा की नई सरकार के गठन को लगभग छह माह से अधिक हो चुके हैं, लेकिन प्रमुख सचिव लॉ के पद पर वह अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं कर पाई है। इसके कारण विधि विभाग से जुड़े अनेक नीतिगत निर्णय लेने में दिक्कतें आ रही हैं। प्रदेश में विधि से संबंधित कामकाज के संचालन के लिए प्रदेश सरकार का विधि एवं विधायी विभाग है, जिसमें प्रमुख सचिव का पद विगत नवंबर माह से खाली पड़ा है। इस पद पर पहले बीके द्विवेदी पदस्थ थे, जो नवंबर में हाईकोर्ट जज बन गए। इसके बाद से इस पद पर किसी को पदस्थ नहीं किया गया।
विधानसभा चुनाव के बाद दिसंबर में फिर से सत्ता में आई भाजपा की सरकार ने मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुआई में कामकाज शुरू कर दिया, लेकिन करीब छह महीने से ज्यादा का समय गुजरने के बाद भी इतने महत्वपूर्ण विभाग में प्रमुख सचिव का पद नहीं भरा जा सका। अब इंदौर सहित प्रदेश के अनेक जिला में सरकारी वकील से लेकर अतिरिक्त महाधिवक्ता, उपमहाधिवक्ता आदि की नई नियुक्तियां की जाना हैं, जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। इसके अलावा भी विधि विभाग के अन्य कई नीतिगत निर्णय लंबित हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद अब इस पद पर जल्द किसी अधिकारी की नियुक्ति कर दी जाएगी।
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