इंदौर (Indore)। सेंट्रल जेल में हत्या के मामले में सजा काट चुके राजस्थान के एक कैदी को जेल अधिकारियों की घोर लापरवाही के चलते आठ माह तक और जेल में रहना पड़ा, जिसकी शिकायत उसने कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को की है। इस बीच जेल के अष्टकोण (चक्कर अधिकारी) को अधीक्षक ने नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।
जेल सूत्रों के अनुसार 13 साल पूर्व राजस्थान का 52 वर्षीय शोभाराम पिता दौलत को हत्या और हत्या के प्रयास के मामले में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। उसके बाद उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। बताया जा रहा है कि शोभाराम की सजा मार्च 2023 में पूरी हो गई थी। बावजूद इसके अधिकारी उसे रिहा करना भूल गए। बताया जा रहा है कि इसका वारंट शाखा से ही रिहाई आदेश गुम हो गया था। इसके चलते उसे जेल में छह माह तक यूं ही जेल में सजा भुगतना पड़ी, वहीं दूसरी ओर शासन का भी अतिरिक्त खर्चा हुआ। जेल सूत्रों ने बताया कि शोभाराम ने कोर्ट को शिकायत की थी। उसके बाद जेल अधिकारियों को कोर्ट ने सख्त लहजे में आदेश दिए थे कि उसे तत्काल रिहा किया जाए। 19 सितम्बर 2023 को आनन-फानन में उसे जेल से रिहा किया गया। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने जेल के चक्कर अधिकारी सुजीत खरे को नोटिस जारी कर इस मामलें में जवाब मांगा है। दूसरी ओर अधिकारी इस घोर लापरवाही पर परदा डाल रहे हैं। इस संबंध में जब जेल अधीक्षक और अन्य अधिकारियों से जानकारी लेनी चाही गई तो उनका कहना था कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। कैदी को सजा पूरी होने के बाद ही छोड़ा गया है।
9 साल पूर्व जेल में हुआ था हत्याकांड
सेंट्रल जेल के जिस चक्कर अधिकारी सुजीत खरे को नोटिस जारी किया गया है, उनके कार्यकाल में 9 साल पूर्व एक कुख्यात बदमाश अर्जुन त्यागी की गोली मारकर उसी के बैरक में हत्या कर दी गई थी। तब जेलर खरे का भोपाल तबादला कर दिया गया था। अब वापस उन्हीं को इसी पद पर यहां भेजा गया है, जिसको लेकर जेल अधिकारियों में कई तरह की चर्चाएं हैं।
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