भोपाल। रबी सीजन की फसलों की गिरदावरी सारा एप के माध्यम से जियो फेंस से हो रही है, लेकिन इसमें आ रही तकनीकी खामियों के कारण पटवारी परेशान हैं। खेत में पहुंचने के बाद भी गलत जानकारी दर्शाता है, जिससे गलत फसल दर्ज हो रही है। इसका खामियाजा किसानों को समर्थन मूल्य पर पंजीयन कराने में परेशानी होगी। मिली जानकारी के अनुसार जियो फेंस से गिरदावरी करने के लिए पटवारी को मोबाइल लेकर खेत में जाना पड़ता है और फसल की फोटो भी लोड करनी पड़ती है। जब पटवारी खेत की मेड़ पर पहुंचते हैं, तो एप में दूसरी 300 मीटर और 1500 मीटर बताता है। जब एप सही जगह बताता है, तो पटवारी दूसरे खेत में पहुंच जाते हैं, जिससे गलत फसल की फोटो अपलोड हो जाती है।
खेत गीले होने पर पटवारी खेतों के बीच में नहीं पहुंच पाते हैं और खेत में जाने पर जहरीले कीड़ों का भी भय बना रहता है। गिरदावरी करने नेटवर्क की जरूरत होती है और कई गांवों में नेटवर्क की समस्या होने से गिरदावरी नहीं हो पाती है। पटवारियों का कहना कि इसके लिए सिम दी गई है, लेकिन नए पटवारियों को मोबाइल नहीं मिले हैं। संसाधन के अभाव में भी परेशान होना पड़ता है।
28 प्रतिशत हुई है गिरदावरी
गिरदावरी का कार्य 31 जनवरी तक पूर्ण होनी है, लेकिन 17 जनवरी तक 28.62 प्रतिशत ही गिरदावरी हो पाई है। यदि इसी तरह गिरदावरी हुई तो समय पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाएगा।
कई जिलों में विरोध
इस संबंध पटवारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि मप्र पटवारी संघ के आह्वान पर कई जिलों में पटवारी एप का विरोध कर रहे हैं, तीन बार प्रांतीय स्तर पर ज्ञापन भी सौंपे जा चुके हैं। एप से गिरदावरी करने में पटवारियों को बहुत परेशानी आ रही है और इससे गिरदावरी गलत हो सकती है।
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