सचिन पायलट बोले- ठेस पहुंची, कड़वा घूंट पीकर रह गया
नई दिल्ली/जयपुर। राजस्थान में अब सियासी संकट टल गया है. सचिन पायलट की सम्मानजनक घर वापसी का रास्ता लगभग तैयार हो चुका है, लेकिन वापसी के बाद भी पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुछ कटु शब्दों को नहीं भुला पाए हैं। सचिन पायलट ने कहा, ‘बीते वक्त में क्या हुआ और भविष्य में क्या होगा, उस पर अब कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। मेरे लिए कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया, जिनसे ठेस पहुंची और मैंने कड़वा घूंट पिया है।
गहलोत को लेकर पायलट ने ये भी कहा कि मैंने अपने परिवार से कुछ संस्कार हासिल किए हैं। कितना भी मैं किसी का विरोध करुं किसी भी दल का नेता हो मेरा कट्टर दुश्मन भी हो, मैंने कभी ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं किया। अशोक गहलोत जी उम्र में मुझसे काफी बड़े हैं और व्यक्तिगत रूप से मैंने उनका सम्मान ही किया है।
वहीं अशोक गहलोत आज जैसलमेर के लिए रवाना हो गए हैं। शाम को वहां विधायक दल की बैठक होगी। गहलोत अपने गुट के सभी विधायकों को लेकर कल जयपुर लाएंगे। जैसलमेर रवाना होने से पहले अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी में शांति, भाईचारा, सद्भाव रहेगा। तीन लोगों की कमेटी बनी है, उनकी कोई शिकायतें होंगी तो वो उनको बता देंगे। 100 से ज़्यादा लोगों (विधायकों) का इतने समय तक एक साथ रहना इतिहास बन गया है, एक आदमी टूट कर नहीं गया।
कांग्रेस से बग़ावत के एक महीने बाद सचिन पायलट की आखिरकार कल रात घर वापसी हो गई। दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद पायलट के गिले-शिकवे दूर हुए हैं। दिन भर चली बैठकों के बाद देर रात दिल्ली के 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर स्थित कांग्रेस के वॉर रूम में प्रियंका गांधी के साथ सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की बैठक हुई।
इसी बैठक में सहमति का फॉर्मूला निकल गया। सचिन पायलट के उठाए गए मुद्दों पर कांग्रेस ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है जिसमें प्रियंका गांधी, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी की मौजूदगी में दो घंटे तक राहुल गांधी और सचिन पायलट की बैठक हुई। राहुल से मुलाकात में पायलट ने कहा कि उनका मतभेद गहलोत से है, पार्टी से नहीं। पायलट की पूरी बात सुनने के बाद राहुल गांधी ने उनसे कहा कि राजस्थान सरकार को कोई खतरा नहीं होना चाहिए जिस पर पायलट ने हामी भरी।
बैठक खत्म होने के बाद राहुल और प्रियंका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत से भी बात की जिसके बाद तीन सदस्यों की कमेटी बनाने का फ़ैसला हुआ। इस बीच संभावना ये भी है कि पायलट को कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय स्तर पर कोई भूमिका भी दी जा सकती है।
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