इंदौर (Indore)। शहर के कई पुरानी बस्तियों के नक्शे नगर निगम में स्वीकृत नहीं हो रहें है और 6 माह से यह मामला उलझन में है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि इंदौर की पुरानी बस्तियों में नक्शे स्वीकृती की प्रक्रिया जल्द शुरु की जाएगी लेकिन उसके बावजूद अब तक आदेश नहीं आने पर मामले उलझन में ही पड़े हुए है। शहर की कई पुरानी बस्तियों में दर्जनों क्षेत्रों के नक्शे नगर निगम में अटके पड़े है और 500 से 700 स्केवर फीट के नक्शों के लिए निजी इंजिनियर मोटी फीस के साथ साथ तमाम प्रक्रिया बता रहें है जिसके चलते मामले उलझन में पड़े है जिन लोगों ने आवेदन दे दिए है उनके मामलों में भी मंजूरी नहीं मिल पा रही है।
पूर्व में हुई एमआईसी की बैठक में एमआईसी मेंबर जीतू यादव, नंदू पहाडिय़ा और कई अन्य ने पुरानी बस्तियों के नक्शो की मंजूरी नहीं दिए जाने का मामला उठाया था और अफसरों की घेराबंदी की थी। इसके बाद पिछले दिनों इंदौर में आयोजित अफसरों की बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी घोषणा की थी कि पुरानी बस्तियों की नक्शे स्वीकृ़त करने की कार्रवाई जल्द शुरु होगी लेकिन अब तक ऐसे मामले निगम में अटके हुए है। एमआईसी मेंबर राजेश उदावत के मुताबिक अभी भोपाल नगरीय प्रशासन विभाग से इस मामले में किसी प्रकार का आदेश निगम को नहीं मिला है जिसके चलते पुरानी बस्तियों के नक्शे स्वीकृती का मामला अटका हुआ है। इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग को निगम द्वारा पत्र भी लिखा गया है। ज्ञातव्य है कि कुलकर्णी नगर, देवास नाका, दूबे का बगीचा, भमौरी सहित दर्जनों क्षेत्रों के नक्शों के मामले उलझन में पड़े है।
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