जयपुर (Jaipur)। राजधानी जयपुर में शुक्रवार सुबह एक बैंक डकैती (Bank robbery) होते होते बच गई। बैंक के कैशियर नरेंद्र सिंह शेखावत (Cashier Narendra Singh Shekhawat) की बहादुरी की वजह से बैंक डकैती विफल हो गई। कैशियर नरेंद्र सिंह शेखावत जान की परवाह किए बगैर लुटेरों से भिड़ गया। एक के बाद एक तीन फायर किए जाने के बावजूद शेखावत ने एक डकैत को नहीं छोड़ा। नतीजा यह रहा कि लुटेरों को भागने पर मजबूर होना पड़ा लेकिन एक डकैत मौके पर ही पकड़ा गया। ऐसे में बैंक डकैती की वारदात करने आए दोनों लुटेरे गिरफ्तार हो गए।
दोनों लुटेरों को दबोच लिया नरेंद्र ने
लुटेरों ने मैनेजर सहित 3 बैंककर्मियों को बंधक बनाया था। उसके 5 मिनट बाद 9 बजकर 45 मिनट पर बैंक कैशियर नरेंद्र सिंह शेखावत भी बैंक में एंटर हुए। उनके आते ही लुटेरों ने नरेंद्र को भी बंधक बनाने की कोशिश की। नरेंद्र सिंह समझ गए कि ये बदमाश बैंक लूटने आए हैं। लुटेरों को लॉकर की चाबी देने के बजाय वे लुटेरों से भिड़ गए। नरेंद्र ने पहले एक लुटेरों को दबोच लिया तो दूसरा लुटेरा अपने साथी को छुड़ाने आया। नरेंद्र ने बहादुरी दिखाते हुए दूसरे लुटेरे को भी दबोच लिया। यानी नरेंद्र ने अपने दोनों हाथों से दोनों लुटेरों को दबोच लिया था।
गोली लगने से एक किडनी हुई डैमेज
लुटेरों की ओर से किए गए चार फायर में तीन गोलियां नरेंद्र सिंह को लगी। एक गोली पीठ की तरफ से लगी जो कि नरेंद्र की किडनी में जा घुसी। घायल अवस्था में नरेंद्र सिंह शेखावत को सोनी मणिपाल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। गोली लगने से डैमेज हुई किडनी को बाहर निकालना पड़ा। डॉक्टरों के मुताबिक नरेंद्र सिंह की हालत अब ठीक है।
तीन गोली लगने के बावजूद भी लुटेरे को नहीं छोड़ा
नरेंद्र सिंह के चंगुल में फंसने के बाद दूसरे लुटेरे ने बचने के लिए नरेंद्र पर फायर कर दिया। लुटेरे ने कुल चार फायर किए जिसमें से तीन गोलियां नरेंद्र सिंह को लगी। दो गोलियां पेट में और तीसरी गोली पैर के पंजे में लगी। इससे एक लुटेरा नरेंद्र सिंह के हाथ से छूट गया लेकिन गंभीर घायल होने के बावजूद भी नरेंद्र ने दूसरे लुटेरे को नहीं छोड़ा। एक लुटेरा बैंक छोड़कर गया जबकि दूसरे को नरेंद्र ने दबोच लिया।
स्थानीय लोगों ने भी दिखाई हिम्मत
बैंक में गोली चलने और चिल्लाने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग भी बैंक की ओर दौड़ पड़े। लहूलुहान हालत में नरेंद्र की ओर से दबोचे गए लुटेरों को स्थानीय लोगों ने पकड़ा और फिर पुलिस को घटना की सूचना दी। नरेंद्र की बहादुरी के कारण बैंक लूटने की एक बड़ी घटना होते होते टल गई।
महिला पुलिसकर्मी ने भी दिखाई हिम्मत
बैंक लूटने आए दोनों लुटेरे मौसेरे भाई थे। एक का नाम भरत मीणा है जो कि कोटपूतली का रहने वाला है जबकि दूसरा लुटेरा मनोज मीणा है जो हनुमानगढ़ जिले के भादरा का रहने वाला है। भरत मीणा को मौके पर ही दबोच लिया गया था। घटना के दौरान एक महिला कांस्टेबल भी बैंक के सामने से गुजर रही थी। मामला भांपकर वे भी वहां रुक गई और लुटेरे भरत मीणा को रस्सी से एक खंबे के बांध दिया ताकि वो भाग नहीं सके। 5 मिनट बाद ही पुलिस की चेतक मौके पर पहुंची और भरत मीणा को गाड़ी में पटक दिया। पुलिस ने शहरभर में ए श्रेणी की कड़ी नाकाबंदी करवाई। करीब एक घंटे बाद पुलिस ने भरत मीणा के साथ मनोज मीणा को भी गिरफ्तार कर लिया। लूट के प्रयास की यह घटना झोटवाड़ा इलाके में स्थित पीएनबी बैंक में हुई थी।
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