ग्वालियर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी (Former Minister Imarti Devi) चुनाव हारने के बाद भी सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहीं। दिसंबर 2020 में बंगला खाली करने के मिले नोटिस के बावजूद वह डेढ़ बीघा में फैले सराकारी बंगले से नहीं गईं। पूर्व मंत्री द्वारा बंगला खाली नहीं करने पर अब विपक्ष ने भी हमला बोल दिया। कांग्रेस पार्टी द्वारा इसे ‘शवराज का जंगलराज’ बताया गया।
‘सरकारी संपत्ति की लूट जारी’
MP कांग्रेस ने सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर पूर्व मंत्री पर हमला बोला। विपक्ष ने कहा कि सरकारी संपत्ति की लूट जारी है। चुनाव हारने के बाद भी इमरती देवी के पास सरकारी बंगला है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए ‘कुएं में कूदने’ वाले अपने बयान को सार्थक करतीं बीजेपी नेता आज भी आलीशान सरकारी बंगले में रहती हैं। उन्होंने प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान से पूछा कि ये बंदरबांट क्यों? उन्होंने इसे ‘शवराज का जंगलराज’ बताया।
अधिकारी कतराते हैं नोटिस देने से
पूर्व मंत्री इमरती देवी ग्वालियर के डीआरडीओ रोड स्थित माणिक विकास कॉलोनी में रहती हैं। जहां डेढ़ बीघा में बने सरकारी बंगले से पूर्व मंत्री को बेदखल करना तो दूर सरकारी अधिकारी उन्हें नोटिस देने से भी कतराते हैं। नवंबर 2020 में वह डबरा सीट पर हुए उपचुनाव में सुरेश राजे से हार गईं। दिसबंर 2020 में उन्हें सरकारी बंगला खाली कराने का नोटिस दिया गया। अगले ही दिन उस अधिकारी का ट्रांसफर कहीं और कर दिया गया। तब से ही किसी भी सरकारी अधिकारी ने उन्हें बंगला खाली कराने का नोटिस नहीं दिया।
मंत्री बोलीं- ‘किराया देते हैं बंगले का’
हर सरकारी बंगले का बाजार दर से अलग किराया लिया जाता है, इमरती देवी जिस बंगले में रहती हैं, उसका किराया 18 हजार रुपए हैं। बेदखली के नोटिस के साथ ही बाजार दर से किराया लिया जाता है। बंगला खाली कराने की बात पर इमरती देवी ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से उन्होंने शिफ्ट नहीं किया। वह बोलीं कि वह बकायदा मकान का किराया अदा कर रही हैं।
कोरोना कम होते ही करेंगे कार्रवाई
इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि ग्वालियर के सरकारी बंगले में क्या हो रहा है, इसकी जांच करेंगे। कोरोना संक्रमण कम होते ही वे इस संबंध में जानकारी लेकर कार्रवाई करेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved