उज्जैन। वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों को बूस्टर डोज के लिए 9 से 12 माह का इंतजार करना पड़ रहा था। तीन दिन पहले केन्द्र सरकार ने इस अवधि को घटाकर 6 माह कर दिया था। केन्द्र सरकार के इस आदेश के बाद अब उज्जैन में भी दोनों डोज ले चुके लोगों को 6 माह बाद बूस्टर डोज लगाना शुरु कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के खात्मे के लिए पिछले के अंत तक वैक्सीनेशन का महाअभियान चला था। इस अभियान में शुरुआत में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को वैक्सीन के डोज लगना शुरु हुए थे। इसके बाद 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाए गए थे। इस व्यवस्था में भी बदलाव किया गया था और 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लगाए जा रहे थे। इसके उपरांत 14 से 17 वर्ष तक के स्कूली बच्चों का टीकाकरण शुरु किया गया था। वहीं इस साल जनवरी में 12 वर्ष या इससे अधिक आयु के बच्चों को भी वैक्सीन के दोनों डोज लगना शुरु हो गए थे। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. के.सी. परमार ने बताया कि वैक्सीन के दोनों डोज लेने का अभियान जिले में सफल रहा था और 14 लाख से अधिक नागरिकों को समय रहते दोनों डोज लगा दिए गए थे। इस साल 6 जनवरी से जिले में बूस्टर डोज लगना भी शुरु कर दिया गया था।
शुरुआत में केन्द्र सरकार की ओर से जारी गाईड लाईन में वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके लोगों को बूस्टर डोज के लिए 9 से 12 माह का अंतराल रखना तय किया गया था। इस वजह से बूस्टर डोज लगाने का अभियान धीमा चल रहा था लेकिन तीन दिन पहले केन्द्र सरकार ने बूस्टर डोज की समय सीमा 9 से 12 माह से घटाकर 6 माह निर्धारित कर दी थी। इसका पालन उज्जैन शहर सहित पूरे जिले में शुरु कर दिया गया है। निर्धारित बूस्टर डोज वैक्सीनेशन सेंटरों पर अब पूरे जिले में दूसरा डोज ले चुके लोगों को 6 माह बाद ही बूस्टर डोज लगाना शुरु कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि शहरी क्षेत्र में अभी कैंसर यूनिट, माधवनगर अस्पताल सहित 5 स्थानों पर यह डोज लगाए जा रहे हैं और उद्यन मार्ग स्थित सहर्ष अस्पताल में भी बूस्टर डोज लगाए जा रहे हैं। उक्त एक मात्र निजी अस्पताल में बूस्टर डोज लगाया जा रहा है और यहां 250 रुपये चुकाकर लोग वैक्सीन का बूस्टर डोज लगवा रहे हैं।
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