सब्सिडी खत्म करते ही योजना फ्लॉप
इंदौर। मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (Chief Minister Enterprise Revolution Scheme) के माध्य्म से लोन देकर बेरोजगार युवाओं (unemployed youth) को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए शासन के निर्देश पर 4 दिन तक इंदौर (Indore) सहित जिले की अन्य तहसीलों में मार्गदर्शन कैम्प लगाए गए थे। जिला उद्योग व्यापार केंद्र (District Industries Business Center) द्वारा हजारों रुपए खर्च कर अलग-अलग दिनों में 4 जगह लगाए गए मार्गदर्शन कैम्प (Guidance Camp) में 500 युवा भी नहीं पहुंचे।
जिला उद्योग व्यापार केंद्र ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के जरिए 25 लाख रुपए लोन (Loan) देने के लिए इंदौर, महू, सांवेर, देपालपुर में 14 फरवरी से 18 फरवरी 4 दिन सुबह से शाम तक 4 मार्गदर्शन कैम्प लगाए थे, मगर इन 4 दिनों में चारों जगह में कुल 500 युवा भी कैम्प तक नहीं पहुंचे। जिला उद्योग व्यापार केंद्र की जानकारी के अनुसार इंदौर में लगभग 250, महू में 60, सांवेर में 35 युवा ही पहुंचे। देपालपुर में तो एक भी युवा नहीं पहुंचा। इसके बाद अधिकारी वहां के शैक्षणिक संस्थानों में पहुंचे और स्टाफ से अनुरोध किया कि युवाओं को इस योजना की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना दिसंबर 2021 से शुरू की गई। इस योजना के तहत सरकार 12वीं पास युवाओं को अपना काम-धंधा, व्यवसाय शुरू करने के लिए 1 लाख से 25 लाख रुपए का सात साल तक के लिए अनुबंधित स्थानीय बैंकों के जरिए लोन दे रही है। शासन ने इस योजना के जरिए 1400 युवाओं को लोन देने का टारगेट इंदौर जिला उद्योग व्यापार केंद्र को दिया है। यह टारगेट 31 मार्च 2023 तक पूरा करना है, मगर हालात यह हैं कि इस योजना का फायदा उठाने के लिए इंदौर जिले के युवा तैयार ही नहीं हैं।
सब्सिडी खत्म करते ही मोह भंग
कोरोना संक्रमण काल (Corona Transition Period) के चलते पिछले कई सालों से संचालित मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (hief Minister Self Employment Scheme) बंद कर दी गई थी। इसके बाद सरकार ने नई मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना शुरू की, मगर इस योजना में सरकार ने सब्सिडी (subsidy) पूरी तरह खत्म कर दी है, जबकि इसके पहले चलने वाली स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 15 से 30 प्रतिशत तक की सब्सिडी (subsidy) दी जाती थी। इस वजह से यह योजना फ्लॉप (Flop) साबित होती नजर आ रही है। हालांकि सरकार इस बार लोन लेकर किस्त भरने वालों को ब्याज अनुदान दे रही है, मगर यह सुविधा भी युवाओं को आकर्षित नहीं कर पा रही है। हालात यह हंै कि इस योजना के अभी 50 से भी कम आवेदन आए हैं।
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