इंदौर। 10वीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं इस बार एक महीना पहले कराई जा रही हंै। पहले चरण की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शुरू हुए 5 दिन का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक तकरीबन 10000 उत्तर पुस्तिकाएं ही मुश्किल जांच पाए हैं। मूल्यांकन केंद्र प्रभारी शिक्षकों के इस रवैये से नाराज हंै। ड्यूटी पर नहीं आने वाले शिक्षकों को आज नोटिस जारी किए जाएंगे। वेतन काटने की तैयारी विभाग की ओर से चर्चाओं में है। मोती तबेला स्थित मालव कन्या उमावि को जिले का मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। 19 फरवरी से महीना खत्म होने तक 90,000 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले चरण में किया जाना है।
इसके लिए तकरीबन 800 शिक्षकों की अलग-अलग चरणों में ड्यूटी उत्तरपुस्तिकाओं के जांचने के लिए लगाई गई है। अभी परीक्षाओं का दौर जारी है। इसलिए पूरी क्षमता से शिक्षक मूल्यांकन केंद्र पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। 120 ऐसे शिक्षक हैं जिनकी ड्यूटी फिलहाल मूल्यांकन के लिए आरक्षित है वह अपना दायित्व नहीं निभा पा रहे हैं अभी सिर्फ 75 शिक्षक की मूल्यांकन केंद्र पर पहुंच रहे हैं जिसके कारण उत्तर पुस्तिकाओं के जाचने का काम काफी धीमा चल रहा है मूल्यांकन की जानकारी भोपाल भी मंडल को भी भेजना होती है। आला अधिकारियों के नाराज होने से मूल्यांकन केंद्र प्रभारी आज शिक्षकों को नोटिस जारी करने की तैयारी में है वहीं विभागीय चर्चा तो यह भी है कि संतुष्ट पूर्ण जवाब नहीं आने पर एक या दो दिन का वेतन काटने का निर्णय भी लिया जा सकता है।
परीक्षा- मूल्यांकन साथ-साथ
बोर्ड परीक्षाओं के बाद 9 वीं और 11वीं की परीक्षाओं की तैयारी भी स्थानीय स्तर पर स्कूलों में कराई जा रही है लोकल परीक्षाओं की तैयारी में स्कूल और शिक्षकों को मशक्कत करना पड़ रही है, ऐसे में मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचने में ज्यादातर शिक्षक अपने आप को असमर्थ जता रहे हैं शिक्षकों का कहना है की परीक्षाओं के बाद मूल्यांकन व्यवस्थाएं होनी चाहिए थी।
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