नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को कहा कि संघर्षग्रस्त सूडान (conflict-torn sudan) से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने ‘ऑपरेशन कावेरी’ (launched ‘Operation Cauvery’) शुरू किया है। दिलचस्प बात यह है कि इस ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन कावेरी’ नाम देने का विकल्प बहुत मायने रखता है। एक शीर्ष सूत्र ने बताया कि यह उसी तर्ज पर है, जैसा कि पीएम ने यूक्रेन से लोगों को निकालने के ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन गंगा’ का नाम दिया था।
कावेरी कर्नाटक और तमिलनाडु के दक्षिणी राज्यों से होकर बहने वाली प्रमुख भारतीय नदियों में से एक है। यह नदी क्षेत्र के लोगों के लिए पवित्र मानी जाती है और इसकी देवी कावेरीअम्मा (मां कावेरी) के रूप में पूजा की जाती है। मोदी सरकार द्वारा इस ऑपरेशन के नामकरण पर एक अन्य शीर्ष सूत्र ने बताया कि नदियां बाधाओं के बावजूद अपने गंतव्य तक पहुंचती हैं। यह एक मां की तरह है जो यह सुनिश्चित करती है कि वह अपने बच्चों को वापस सुरक्षित लाएगी।
कोच्चि में सोमवार को युवम कॉन्क्लेव (Yuvam Conclave) को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘सूडान में गृहयुद्ध की वजह से हमारे कई लोग वहां फंस गए हैं। इसलिए हमने उन्हें सुरक्षित लाने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ शुरू किया है। इसकी देखरेख केरल के बेटे और हमारी सरकार के मंत्री मुरलीधरन कर रहे हैं।’
इस बीच, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन सूडान में बचाव प्रयासों की निगरानी के लिए जेद्दा के लिए रवाना होंगे। मुरलीधर ने ट्वीट किया, “सूडान से फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए मुझे ‘ऑपरेशन कावेरी’ का हिस्सा बनाने के लिए मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी का आभार व्यक्त करता हूं। माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन के अनुसार, मैं हमारे बचाव प्रयासों की निगरानी के लिए जल्द ही जेद्दा के लिए रवाना होऊंगा।”
सूडान की राजधानी खारतूम और अन्य जगहों पर सेना प्रमुख अब्देल फत्ताह अल-बुरहान और शक्तिशाली अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के कमांडर मोहम्मद “हेमेदती” हमदान दागलो के प्रति वफादार सैनिकों के बीच लड़ाई जारी है।
इससे पहले दिन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि युद्धग्रस्त सूडान से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए ‘ऑपरेशन कावेरी’ चल रहा है और लगभग 500 भारतीय पोर्ट सूडान एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। भारत ने युद्धग्रस्त सूडान से फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए “ऑपरेशन कावेरी” शुरू किया है।
इससे पहले बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार ने रूस के साथ संघर्ष के बीच यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने में एक बड़ी चुनौती वाली भूमिका निभाई थी। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए चलाए गए अभियान को ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया गया था। गंगा न केवल एक विशाल जल संसाधन है बल्कि भारत में इसकी पूजा की जाती है। इसी तरह अफगानिस्तान में तालिबान के हमले के समय भारत सरकार द्वारा चलाए गए बचाव अभियान को ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ का नाम दिया गया था।
ऑपरेशन देवी शक्ति के नामकरण के पीछे तर्क बताते हुए सूत्रों ने कहा था कि देवी दुर्गा रक्षक हैं और संकट में लोगों की मदद के लिए आगे आती हैं। उन्होंने कहा था कि ईश्वर का नाम तनावपूर्ण स्थिति में लोगों का मनोबल बढ़ाने में मदद करता है। पीएम मोदी भी मां दुर्गा के भक्त हैं।
इस वर्ष भारत ने भूकंप प्रभावित तुर्किये और सीरिया में बचाव और राहत सामग्री भेजी थी और उसे ‘ऑपरेशन दोस्त’ नाम दिया गया था। तुर्किये और सूडान के नागरिकों ने सहायता के लिए भारत का आभार व्यक्त किया था। भारत में तुर्किये के राजदूत फिरात सुनेल ने कहा था, “दोस्त करा गुंडे बेल्ली ओलुर (जरूरत में काम आने वाला दोस्त ही सच्चा दोस्त होता है)। भारत का बहुत-बहुत धन्यवाद।” इस तरह ऑपरेशन दोस्त शब्द अस्तित्व में आया था।
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