यूरोपीय संघ (ईयू) के देशों ने रविवार को अपने 45 करोड़ लोगों को कोरोना जैसी खतरनाक महामारी से निजात दिलाने के लिए टीकाकरण की शुरुआत कर दी। संघ के 27 देशों में मेडिकल कर्मियों, नर्सिंग होम के कर्मियों और बड़े नेताओं को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए टीका लगाया गया और लोगों को यह विश्वास दिलाया गया कि यह टीकाकरण सुरक्षित है तथा यह इस महामारी से उबरने की बहुत बड़ी संभावना का द्वार खोलता है। रोमानिया में सबसे पहले टीका लेने वाली मैटई बाल्स इंस्टीट्यूट (बुखारेस्ट) की नर्स मिहाला एंजेल ने कहा कि बिल्कुल दर्द नहीं हुआ। अपनी आंख खोलिए और टीका लीजिए।
रोम में स्पालानजानी संक्रामक रोग अस्पताल में बैठे पांच डॉक्टरों और नर्सो में एक डॉक्टर मारिया रोसारिया कपोबियांची ने कहा कि यह संदेश आशा, विश्वास और सबके साथ साझा करने के निमंत्रण का है। चिंतित होने का कोई कारण नहीं है। डॉक्टर मारिया रोसारिया कपोबियांची इस अस्पताल के विषाणु विज्ञान विभाग की अध्यक्ष हैं। वह उस दल की भी अगुवा है जिसने फरवरी की शुरुआत में इस विषाणु कों पृथक किया था।
इतालवी विषाणु विशेषज्ञ डोमेनिको अरकुरी ने बताया कि यह बड़ा अहम है कि इस अस्पताल में टीके की खुराक दी गयी जहां वुहान से आया दंपति जनवरी में संक्रमित पाया गया था और वह इटली में पहला मामला था। बाद में उत्तरी लॉम्बार्डी यूरोप में इस महामारी का केंद्र बन गया। यूरीपीय संघ के 27 देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के कम से कम 1.6 करोड़ मामले सामने आये हैं और संक्रमण से 3,36,000 लोगों की जान चली गई। इनमें से सबसे अधिक 72,000 मौतें इटली में हुई।
जर्मनी के बायोएनटेक और अमेरिकी कंपनी फाइजर के टीके शुक्रवार को बेल्जियम की फैक्ट्री से सुपर कोल्ड कंटेनर से यूरोपीय संघ के अस्पतालों में आने लगे थे। जिन लोगों को टीके लगाए जा रहे हैं, उन्हें दूसरी खुराक के लिए तीन सप्ताह में फिर आना होगा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन ने टीकाकरण अभियान का एक वीडियो जारी किया और सदी के सबसे भयावह जनस्वास्थ्य संकट से संघ के करीब 45 करोड़ लोगों को बचाने की लड़ाई में ‘एकता का दिल को छू लेने वाला पल’ बताया। टीकाकरण अभियान से लोगों को खासकर जर्मनी में राहत मिलने की आस है क्योंकि उनका मन उचटने लगा था।
ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका ने इसी टीके से कई सप्ताह पहले टीकाकरण शुरू किया। वैसे यूरोपीय संघ के कुछ देशों जैसे जर्मनी, हंगरी और स्लोवाकिया में कल ही टीकाकरण शुरू हो गया था। एक जर्मन नर्सिंग होम, जहां शनिवार को 101 साल की एक महिला समेत दर्जनों लोगों को टीका लगाया गया, के संचालक ने कहा कि जब हम शिद्दत से किसी चीज का इंतजार करते हैं, तो एक दिन भी बहुत लंबा लगता है।’’ टीकाकरण की शुरूआत एक ऐसे भूक्षेत्र के लिए आशा के पल का प्रतीक है जो दुनिया में इस वायरस से सबसे पहले और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में एक था। इटली और स्पेन तथा चेक गणराज्य जैसे अन्य देशों में इस साल के प्रारंभ में स्थिति ऐसी हो गयी थी कि समूचा स्वास्थ्य तंत्र चरमरा गया लग रहा था।
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