ब्रसेल्स । यूरोपीय संघ (European Union) ने 2035 से नई पेट्रोल और डीजल कारों (petrol and diesel cars) की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून को लेकर समझौता (agreement) किया, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) के तेजी से विकास के साथ जलवायु परिवर्तन (Climate change) के खिलाफ लड़ाई को तेज करना है। यह कानून 27 देशों के यूरोपीय संघ में पेट्रोल या डीजल से चलने वाली नई कारों की बिक्री पर रोक लगाएगा।
वहीं यूरोपीय संघ के देशों और यूरोपीय संसद के वार्ताकार इस बात पर सहमत हुए हैं कि कार निर्माता को 2035 तक CO2 उत्सर्जन में 100% कटौती हासिल करनी चाहिए। वहीं इस समझौते के बाद यूरोपीय देशों में जीवाश्म ईंधन से चलने वाले नए वाहनों को बेचना असंभव हो जाएगा।
यूरोपीय संसद के प्रमुख वार्ताकार जान हुइतेमा ने कहा कि यह सौदा कार चालकों के लिए अच्छी खबर है। नई शून्य उत्सर्जन वाली कारें सस्ती हो जाएंगी, जिससे वे अधिक किफायती और सभी के लिए अधिक सुलभ हो जाएंगी। साथ ही यूरोपीय संघ की जलवायु नीति के प्रमुख फ्रैंस टिमरमैन ने कहा कि इस समझौते ने उद्योग और उपभोक्ताओं को एक मजबूत संकेत भेजा है। यूरोप शून्य-उत्सर्जन गतिशीलता में बदलाव को स्वीकार कर रहा है।
वोक्सवैगन 2033 से यूरोप में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन करेगा
यूरोपीय संघ के सांसदों ने भी 2021 की तुलना में 2030 में ऑटोमोबाइल से CO2 में 55 प्रतिशत की कमी का समर्थन किया है। समझौता कार उद्योग पर पिछले दशक की अपेक्षा इस दशक के अंत में मौजूदा 37.5 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड डिस्चार्ज को कम करने के नए दायित्व के अनुसार है। वहीं वोक्सवैगन इसके के समर्थन में पहले से ही है, कंपनी के मालिक थॉमस शेफर ने इस सप्ताह कहा था कि 2033 से, ब्रांड केवल यूरोप में इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन करेगा।
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