नई दिल्ली। यूक्रेन युद्ध (Ukraine war) के बाद से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह रूस की अंतरिक्ष एजेंसी (Russia’s space agency) का यूरोप से नाता तोड़ना है। रूस के अलग होने के बाद अब यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी भारत (India) की ओर देख रही है। ईएसए ने कहा है कि वह रूसी लॉन्च व्हीकल सोयुज (Russian launch vehicle Soyuz) के अलग होने के बाद नए भागीदारों की तलाश में है ताकि अपने मिशन को अंतरिक्ष में भेज सके। यूरोपीय एजेंसी (european agency) ने कहा कि उसके नए भागीदारों में भारत एक विकल्प हो सकता है।
ईएसए के महानिदेशक जोसेफ असचबैकर (Joseph Aschbacher) ने रायटर्स को बताया, “मैं कहूंगा कि ढाई विकल्प हैं जिन पर हम चर्चा कर रहे हैं। एक स्पेसएक्स है, जोकि पूरी तरह से क्लियर है। दूसरा संभवतः जापान है। यह (जापान) अपने अगली पीढ़ी के रॉकेट की पहली उड़ान की प्रतीक्षा कर रहा है। एक अन्य विकल्प भारत हो सकता है।” गौरतलब है कि भारत की स्पेस एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित स्पेस एजेंसी है। इसरो ने भारत के साथ-साथ दुनिया भर की सेटेलाइट लॉन्च कर कई मील के पत्थर हासिल किए हैं।
बता दें कि रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस के साथ संबंध टूटने के बाद यूरोपीय एजेंसी संकट में है। यूक्रेन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के युद्ध के बाद पश्चिम देशों और रूस के बीच संबंध लगभग टूट चुके हैं। इसका बुरा असर स्पेस मिशनों पर पड़ा है। मार्स प्रोजेक्ट सहित कई मिशन अधर में लटके हैं। दरअसल यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। इसका असर ये हुआ कि रूस ने अपने लॉन्च व्हीकल सोयुज के इस्तेमाल को लेकर यूरोपीय स्पेस एजेंसी को मना कर दिया। काफी समय से रूसी सोयुज स्पेसक्राफ्ट स्पेस में सेटेलाइट व एस्ट्रोनॉट्स को पहुंचा रहा है। इस पर सवार होकर यूरोपीय और अमेरिकी मिशन भी स्पेस गए हैं। हालांकि इस बीच, खबर है कि यूरोपीय स्पेस एजेंसी अपने लॉन्चरों का इस्तेमाल करने के लिए स्पेसएक्स के साथ तकनीकी चर्चा कर रही है। स्पेसएक्स दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की कंपनी है।
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