नई दिल्ली (New Delhi) । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा (MP Mahua Moitra) के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर रहे एथिक्स पैनल (ethics panel) ने 500 पन्नों की अपनी रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में पैनल ने सिफारिश की है कि टीएमसी सांसद (TMC MP) को तुरंत बरखास्त कर देना चाहिए। एथिक्स पैनल की बैठक से पहले ऐसे संकेत थे कि पैनल महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोपों पर गंभीर रुख अपना सकता है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से संपर्क किया था और उन पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था।
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि भारत सरकार मनी ट्रेल के हिस्से के रूप में महुआ मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच नकद लेनदेन की कानूनी, संस्थागत और समयबद्ध जांच करे। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी जाएगी और चर्चा के बाद कार्रवाई की जाएगी। इस बीच कहा जा रहा है कि मोइत्रा के गुरुवार शाम 4 बजे समिति के सामने पेश होने की उम्मीद है।
सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ होगी सीबीआई जांच!
संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत (कैश फॉर क्वेरी केस) लेने का आरोप झेल रहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा मुश्किल में हैं। भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर जानकारी साझा की है कि इस भ्रष्टाचार मामले की जांच के लिए लोकपाल और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को निर्देश दिया गया है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया कि उनकी शिकायत के आधार पर लोकपाल ने केंद्रीय जांच एजेंसी को महुआ मोइत्रा के भ्रष्टाचार मामले की जांच करने का निर्देश दिया है, जो एक राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडानी समूह के खिलाफ सवाल पूछने के लिए एक प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी से रिश्वत ली थी।
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