हैदराबाद (तेलंगाना) । राज्य में बारिश और बाढ़ का पानी कम होने के बाद तबाही के मंजर भी सामने आने लगी। राज्य सरकार के प्राथमिक अनुमान के अनुसार बारिश एवं बाढ़ से राज्यभर में 5 हजार करोड़ से भी अधिक का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केन्द्र से 1350 करोड़ रुपये की मदद मांगी है। सरकार ने ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम क्षेत्र में राहत और पुनर्वास के लिए पांच करोड़ रुपये तुरंत स्वीकृत किए गए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि प्रशासन ने प्राथमिक आकलन के बाद मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने केंद्र सरकार से राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए तत्काल 1350 करोड़ जारी करने का आग्रह किया है। सरकार ने फसलों के नुकसान झेलने वाले किसानों की सहायता के लिए तुरंत 600 करोड़ और हैदराबाद नगरपालिका के क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास व पुनरुद्धार कार्यों के लिए 750 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही है।
बताया गया हे कि इस संबंध में मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर बाढ़ और बारिश से हुए जान और माल का नुकसान के बारे में जानकारी दी है। सरकार के मुताबिक बाढ़ और बारिश से अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है।
उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया है कि हैदराबाद नगरनिगम क्षेत्र में तबाही काफी ज्यादा है और प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत और पुनर्वास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम क्षेत्र में राहत और पुनर्वास के लिए सरकार ने तुरंत 5 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।
राज्य सरकार ने गुरुवार को घोषणा की है कि भारी वर्षा और बाढ़ से मरने वालों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया है की आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकानों की मरम्मत के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी और कई क्षेत्रों में नालों पर निर्मित मकान ढह गए हैं। सरकार इन परिवारों के लिए सरकारी जगह पर नए मकानों का निर्माण करवा कर उन्हें सौंपेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में उत्पन्न परिस्थितियों और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बिजली आपूर्ति और जलमग्न क्षेत्रों की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया है कि राज्य में 8 लाख एकड़ भूमि पर 2000 करोड़ मूल्य की खड़ी फसलें जलमग्न हुई हैं। 145 कॉलोनी में 21,000 घर वर्षा के पानी में अभी भी डूबे हैं। राज्य सरकार का अनुमान है कि 35000 परिवार प्रभावित हुए हैं।
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