फिजिबिलिटी सर्वे में 85 किलोमीटर का अंडरग्राउंड और एलिवेटेड ट्रैक तय किया, 29 स्टेशनों का करना पड़ेगा निर्माण… अन्य विकल्प भी सुझाए
इंदौर। वर्तमान में इंदौर-भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, वहीं पिछले दिनों इंदौर से उज्जैन और पीथमपुर के बीच भी मेट्रो चलवाने की योजना को लेकर महत्वपूर्ण बैठक हुई। उसके बाद फिजिबिलिटी सर्वे करवाने का निर्णय लिया गया। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए भी तीन विकल्प तैयार किए गए हैं, जिनमें इंदौर में लवकुश चौराहा से उज्जैन, विजय नगर के अलावा इंदौर-पीथमपुर-उज्जैन रूट ट्रैक को भी लिया गया है। 85 किलोमीटर का जो यह ट्रैक होगा, उस पर लगभग फिलहाल 18 हजार करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें अंडरग्राउंड और एलिवेटेड कॉरिडोर रहेंगे और 29 स्टेशनों का निर्माण भी करना पड़ेगा। यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही एमपीआरडीसी ने इंदौर-उज्जैन फोर लेन को सिक्स लेन में परिवर्तित करने की प्रक्रिया भी शुरू की है, क्योंकि जब तक सिक्स लेन नहीं बनेगी, तब तक मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर निर्मित नहीं किया जा सकता।
वर्तमान में 32 किलोमीटर का इंदौर मेट्रो का ट्रैक तैयार होना है, जिसमें से साढ़े 17 किलोमीटर के पहले हिस्से में काम चल रहा है, वहीं रोबोट चौराहा से पलासिया होते हुए रीगल और फिर बड़ा गणपति से एयरपोर्ट तक के ट्रैक के लिए टेंडर मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने बुलाए हैं। इसमें मध्य क्षेत्र का हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा। अभी एयरपोर्ट से सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 होते हुए विजय नगर, रेडिसन से रोबोट चौराहा तक काम चल रहा है। इसी में साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर ट्रायल रन सितम्बर में होना है। दूसरी तरफ इंदौर-उज्जैन-पीथमपुर के बीच मेट्रो के साथ-साथ एमआरटीएस और आरआरटीएस जैसे विकल्पों पर भी चर्चा की जा रही है। दरअसल दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन को इसका जिम्मा सौंपा गया है, जिसने इंदौर को उज्जैन और पीथमपुर से जोडऩे के लिए रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम अपनाने की सलाह दी है और इस तरह का सिस्टम अभी दिल्ली-मेरठ में तैयार कर शुरू किया है, जो सफल भी साबित हुआ और वर्तमान मेट्रो प्रोजेक्ट से इसकी लागत भी कम आती है। अभी जो 85 किलोमीटर का इंदौर-उज्जैन-पीथमपुर ट्रैक के लिए फिजिबिलिटी सर्वे किया गया है, उसमें उज्जैन में 7 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा, जबकि 77 किलोमीटर एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा। इसमें उज्जैन से सांवेर, धरमपुरी होते हुए लवकुश चौराहा और फिर वहां से सीधे मरीमाता, कलेक्ट्रेट, फिर राजेन्द्र नगर और राऊ बायपास से होते हुए पिगडम्बर महू-पीथमपुर तक का ट्रैक बनाया जा सकता है, जिसमें 29 स्टेशनों का भी निर्माण करना पड़ेगा। अब हालांकि इस पर निर्णय शासन स्तर पर होना है।
इंदौर मेट्रो में 5 किलोमीटर ट्रायल ट्रैक पर बिछीं पटरियां
इंदौर मेट्रो के वर्तमान प्रथम चरण में डिपो के साथ-साथ साढ़े 5 किलोमीटर के प्रायोरिटी कॉरिडोर को पूरा किया जा रहा है, ताकि ट्रायल रन लिया जा सके। महीने के अंत या जुलाई में ट्रायल रन के लिए तीन कोच वाली एक ट्रेन भी बड़ौदा से इंदौर पहुंच जाएगी। अभी डिपो में पटरियों को बिछाने का काम पिछले दिनों सम्पन्न हुआ और अब प्रायोरिटी कॉरिडोर पर पटरियां बिछाई जा रही हैं। 5 किलोमीटर पर पटरियां बिछ भी चुकी हैं।
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