नई दिल्ली (New Delhi)। कर्नाटक (Karnataka)के पूर्व उपमुख्यमंत्री (former deputy chief minister)और बागी भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा(BJP leader KS Eshwarappa) लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)को लेकर आज नामांकन दाखिल (Nomination filed)करेंगे। उन्होंने शिवमोगा लोकसभा सीट से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में इलेक्शन लड़ने का ऐलान किया है। ईश्वरप्पा ने कहा, ‘मैं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा। जनता और कार्यकर्ता मेरे साथ हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि जीतने के बाद मैं पीएम मोदी के पास जाऊंगा। बीजेपी लीडर ने कहा कि नॉमिनेशन से पहले मैं मंदिर गया था और भगवान के दर्शन किए। मैंने जनता की सेवा और चुनाव जीतने का आशीर्वाद मांगा।
ईश्वरप्पा ने दावा किया कि लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें ये महसूस हो रहा है कि एक हिंदुत्ववादी समर्थक के चुनाव जीतने का सपना पूरा होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवमोगा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 8 विधानसभा क्षेत्रों के कई हिंदुत्ववादी नेता उनके समर्थन में आगे आए हैं। चुनाव नहीं लड़ने की अटकलों को खारिज करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं देख रहा हूं कि हार के डर के कारण इस तरह की झूठी जानकारी फैलाई जा रही हैं। मुझे नहीं पता कि क्यों वे इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं। जितनी भी भाषाएं मुझे आती हैं मैं उन सबमें कह चुका हूं कि मैं नाम वापस नहीं लूंगा। मेरे शुभचिंतक भी कहते हैं कि मुझे हार नहीं माननी चाहिए।’
बेटे को टिकट नहीं मिलने से बगावत पर उतरे
ईश्वरप्पा हावेरी लोकसभा सीट से बेटे के. ई. कांतेष को टिकट नहीं दिए जाने के बाद भाजपा के खिलाफ बगावत पर उतर आए थे। उन्होंने बेटे को टिकट नहीं दिए जाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता बी. एस. येदियुरप्पा और उनके बेटों को जिम्मेदार ठहराया है। मालूम हो कि भाजपा ने शिवमोगा से राघवेंद्र को अपना उम्मदीवार बनाया है। भाजपा की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने बीते दिनों ईश्वरप्पा से अपील की था कि वह पार्टी के खिलाफ बगावत न करें। साथ ही उनके भाई व मौजूदा सांसद बी. वाई. राघवेंद्र के खिलाफ शिवमोगा से लोकसभा चुनाव न लड़ें। मगर, ईश्वरप्पा नहीं माने हैं। अब देखना होगा कि ईश्वरप्पा के लड़ने से किसका नुकसान होता है।
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