नई दिल्ली (New Delhi)। शनि की चाल(movement of saturn) के साथ शनि की साढ़ेसाती (Saturn’s Sadesati)भी बदलती है। इसलिए आने वाले 10 सालों(10 Years) में देखें तो किसी की साढ़ेसाती खत्म(saade saati is over) होगी , तो किसी की शुरू होगी । शनिदेव दंडनायक है, ये आपके अच्छे बुरे कर्मों का फल आपको देते हैं। शनि की महादशा, शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैया में व्यक्ति शनि से प्रभावित होता है। आपको बता दें कि कुंभ जिस राशि में होते हैं, उससे पहले और आगे की एक राशि पर साढ़ेसाती होती है। अभी शनि कुंभ राशि में चल रहे हैं। अभी मकर कुंभ और मीन पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। इसके बाद शनि मीन राशि में आजाएंगे। ऐसे में कुंभ, मीन और मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।
आने वाले दस सालों की बात करें तो समीकरण बिल्कुल बदल जाएंगे तो 2034 में सिंह राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 13 जुलाई 2034 से शुरू होकर 29 जनवरी 2041 तक चलेगी। कन्या राशि व शनि साढ़े साती का आरंभ 27 अगस्त 2036 से होगा और इसका अंत 12 दिसंबर 2043 को होगा। तुला राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती 22 अक्टूबर से शुरू होगी और इसका अंत 08 दिसंबर 2046 को होगा।
इन राशि के लोगों को जो शनि की साढ़ेसाती या ढैया से पीड़ित हों उन्हें सभी का आदर करना चाहिए, किसी का अपमान गरीबों को सताना, नहीं चाहिए, हो सके सभी की मदद करनी चाहिए।
कितने होते हैं चरण
शनिदेव जब किसी राशि के दूसरे और 12वें भाव या राशि में रहते हैं तो उस राशि पर शनि का साढ़ेसाती शुरू हो जाती है। इतना ही साढ़ेसाती का प्रभाव तीन चरणों का होता है, जो ढाई-ढाई साल का तीन चरण होता है। इस तरह से साढ़ेसाती की पूर्ण अवधि साढ़े सात साल की होती है?
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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