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    महामारी थमी! इंदौर में कोरोना संक्रमण दर शून्य

  • June 30, 2021

    शहर में अब 105 मरीज ही बचे… कल केवल 5 नए मरीज ही आए
    इंदौर जिले के गांवों में भी राहत
    इंदौर।  कोरोना संक्रमण दर (Corona infection rate) इंदौर में लगभग शून्य हो गई है। बीते 24 घंटे में मात्र 5 नए मरीज मिले, जो अब तक की सबसे कम संख्या है। 9208 सैम्पलों की जांच में 9201 नेगेटिव मरीज (negative patients) मिले और उपचाररत मरीजों की संख्या भी घटकर मात्र 105 रह गई है।
    जून की शुरुआत से ही कोरोना मरीजों (corona patients) की संख्या में कमी आना शुरू हो गई। दूसरी तरफ तेज गति से वैक्सीनेशन (Vaccination) भी शुरू कर दिया गया, लेकिन महीने के अंत तक आते-आते इंदौर में संक्रमण दर लगभग शून्य पर आ चुकी है। अप्रैल और मई महीने में जहां कोरोना की दूसरी लहर (second wave) ने कहर बरपाया, वहीं बड़ी संख्या में मौतें भी हुुईं, लेकिन उसके बाद स्थिति में सुधार शुरू हुआ और अब कोरोना संक्रमण (Corona infection) नाममात्र का रह गया है। सरकारी और निजी अस्पतालों (private hospitals) के भी सारे कोरोना बेड खाली हैं और अधिकांश निजी अस्पताल तो रेड झोन से ग्रीन झोन में परिवर्तित हो गए हैं। अलबत्ता तीसरी लहर की तैयारियां चल रही हैं। संक्रमण दर घटने के साथ ही रिकवरी रेट में भी इजाफा हो गया, जो 99 प्रतिशत तक जा पहुंचा है। इंदौर में अभी तक 1 लाख 52 हजार 838 कोरोना मरीज मिले हैं, जिनमें से 1 लाख 51 हजार 342 स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं अधिकृत रूप से कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा 1391 बताया गया है। बीते 24 घंटे में भी एक मरीज की मौत हुई है। वहीं अब ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या भी घट गई है। हालांकि कुछ मरीज ऐसे भी सामने आ रहे हैं, जो दोबारा संक्रमित हो रहे हैं। कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि मास्क, सेनिटाइजेशन, डिस्टेंसिंग का पालन इंदौरी सख्ती से करें तो कोरोना से बचाव हो सकेगा और वैक्सीन भी अवश्य लगवाएं।


    टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट पर ही जोर
    मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan)  ने कोरोना और वैक्सीनेशन (Vaccination) की समीक्षा करते हुए प्रदेशभर के अधिकारियों को निर्देश दिए कि संक्रमण रोकने के मामले में मध्यप्रदेश की स्थिति अब बेहतर हो गई और संक्रमण न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है, मगर असावधानी नहीं बरतना है। सख्ती से ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की प्रक्रिया लगातार जारी रहे। वैक्सीनेशन के मामले में भी मध्यप्रदेश का चौथा स्थान आ गया है और 18+ के लगभग 33 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लगाया जा चुका है। कोरोना के हर मरीज की तुरंत पहचान कर उसे आइसोलेट करने और तत्काल इलाज जरूरी है। इस मामले में कोई भी ढिलाई नहीं बरती जाए।

    अब 604 गांव ग्रीन झोन में… 5 ही येलो झोन में बचे
    इंदौर जिले के गांवों (villages) में कोरोना महामारी (corona epidemic) अब पूरी तरह थम गई है, जिसके कारण आम जनता में खुशी छा गई है, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। पूरे जिले में अब 604 गांव ग्रीन झोन में आ गए हैं। कुल 609 गांवों में मात्र 5 गांव ही येलो झोन में हैं। 


    जिला पंचायत सीईओ हिमांशु चंद (Zilla Panchayat CEO Himanshu Chand) ने बताया कि प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, जिला पंचायत और जनपद पंचायत की सक्रियता और आम जनता की जागरूकता से ही इस महामारी (corona epidemic) पर काबू पाया जा सका है। 22 दिन पहले तक पूरे जिले में 55 येलो झोन गांव थे, जिन्हें ग्रीन झोन में बदलने के लिए तेजी से कार्य किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि मात्र 5 गांवों (villages) को छोडक़र बाकी सभी गांव ग्रीन झोन में बदल गए। प्रयास यही है कि इसी सप्ताह में इन गांवों से भी महामारी पूरी तरह से खत्म कर ग्रीन झोन में बदल दिया जाए, ताकि आम जनता सुकून से जीवन व्यतीत कर सके। प्रशासन के रिकॉर्ड के अनुसार इंदौर जिले के 609 गांवों में 104 गांव ग्रीन झोन में बदल गए हैं। देपालपुर और महू तहसील में 1-1 गांव तथा सांवेर तहसील में 3 गांव येलो झोन में हैं। वर्तमान में रेड झोन में एक भी गांव नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में जो ग्रीन झोन गांव हैं, उनमें देपालपुर के 172 गांवों में 171 ग्रीन झोन तथा 1 गांव येलो झोन में है। इसी तरह इंदौर के 120, सांवेर के 143 गांवों में से 140 ग्रीन झोन तथा 3 गांव येलो झोन में हैं। महू के कुल 174 गांवों में 173 ग्रीन झोन और मात्र 1 गांव येलो झोन में है। उल्लेखनीय है कि गत 22 मई तक 609 गांवों में 93 रेड, 149 येलो तथा मात्र 367 गांव ही ग्रीन झोन में थे। प्रशासन ने उसी दिन महामारी की चेन तोडऩे के लिए सभी गांवों को ग्रीन, येलो व रेड जोन में बांटकर सक्रियता से कार्य करना शुरू कर दिया था। रेड और येलो जोन गांवों में आवाजाही पर रोक लगाने के साथ ही सर्दी-खांसी व बुखार से पीडि़त लोगों की सैंपलिंग की गई। इसके अलावा जो नए संक्रमित मरीज आ रहे थे, उन्हें कोविड सेंटर भेजा गया।

    प्रशासनिक अधिकारियों और ग्रामीणों की सक्रियता रंग लाई
    कोरोना महामारी (corona epidemic) को हराने के लिए प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दिन-रात एक कर गांवों में जाकर सक्रियता से कार्य तो किया ही, वहीं ग्रामीण भी इसे हराने के लिए अपने-अपने घरों में रहें। जरूरत पडऩे पर अगर घर से बाहर निकले भी तो गाइडलाइन (Guide Line)  का पालन करना नहीं भूले। ग्रामीणों की सक्रियता के कारण ही इस महामारी पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका है। इस कार्य में प्रशासनिक अफसरों के साथ-साथ गांव के सरपंच और सचिव सहित अन्य जनप्रतिनिधि व वरिष्ठ नागरिकों ने भी चुनौती लेकर कार्य किया।

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