नई दिल्ली (New Delhi)। ईपीएफओ (EPFO) के 6 करोड़ से अधिक सदस्यों (more than 6 crore members) के लिए आज खुशखबरी या निराशा भरी खबर आ सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organization-EPFO) सोमवार से शुरू हुो चुकी अपनी दो दिन की बैठक में 2022-23 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (employees provident fund-ईपीएफ) पर ब्याज दर (Rate of interest) के बारे में मंगलवार यानी आज घोषणा कर सकता है।
ईपीएफओ मार्च, 2022 में 2021-22 के लिए अपने करीब पांच करोड़ अंशधारकों के ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर चार दशक से भी अधिक समय के निचले स्तर 8.1 फीसद पर ले आया था। यह दर वर्ष 1977-78 के बाद से सबसे कम थी, तब ईपीएफ पर ब्याज दर आठ फीसद हुआ करती थी। 2020-21 में यह दर 8.5 फीसद थी।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) द्वारा 2022-23 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर के बारे में निर्णय सोमवार दोपहर से शुरू हुई दो दिन की बैठक में लिया जा सकता है। मार्च, 2020 में ईपीएफओ ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को कम करके सात महीने के निचले स्तर 8.5 फीसद पर ला दिया था। 2018-19 के लिए यह 8.65 फीसद थी।
अधिक पेंशन के मामले पर भी चर्चा
अधिक पेंशन की खातिर आवेदन देने के लिए उच्चतम न्यायालय ने चार महीने का वक्त देने संबंधी जो आदेश दिया था उस पर ईपीएफओ ने क्या कार्रवाई की है, इस बारे में भी बैठक में चर्चा हो सकती है। ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को तीन मई, 2023 तक का वक्त दिया है।
निवेश पर अधिक रिटर्न की उम्मीद कम
इस घटनाक्रम से जुड़े एक व्यक्ति सूत्र ने कहा कि 31 मार्च, 2022 तक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का कुल निवेश 11 लाख करोड़ रुपये था। ईपीएफओ के निवेश अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन ऐसी उम्मीद नहीं है कि इसके निवेश के रिटर्न में तेज इजाफा हो। ऐसे में ईपीएफ पर ब्याज दर पिछले वित्त वर्ष की दर के करीब रहने की उम्मीद है।
महंगाई देखकर दरें तय हो
केंद्रीय न्यासी बोर्ड में सदस्य के रूप में शामिल कई यूनियन सदस्यों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में महंगाई दर रिजर्व बैंक के निर्धारित दायरे से अधिक रही है। वहीं अमेरिकी फेड के कारण भी रिजर्व बैंक ने रेपो दर में इजाफा किया है। ऐसे में ईपीएफओ के अंशधारकों को उनकी जमा पर औचित्यपूर्ण फायदा मुहैया करवाने के लिए ब्याज दर को आठ फीसद से ऊपर रखना जरूरी है।
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