भोपाल। मप्र और छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिन से चल रही आयकर विभाग की छापेमारी में विभाग को जितना नगद मिलने की उम्मीद थी उतनी राशि नहीं मिली। लगभग 25 स्थानों पर 2 करोड़ से भी कम की राशि मिली है। बताया जाता है कि जिन स्थानों पर छापा पड़ा है उनमें से अधिकांश को इस बात की भनक थी कि आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीम छापा मार सकती है। क्योंकि कुछ दिन पहले ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जनसंपर्क और माध्यम में हुए कथित घोटाले को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था। शर्मा के बयान के बाद इस विभाग में काम करने वाली कंपनियां सतर्क हो गई थीं। शुक्रवार को शुरु हुई आयकर विभाग की कार्रवाई की लिंक रायपुर से मिली थीं। यहां व्यापक इंटरप्राइजेस के मुकेश श्रीवास्तव को सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए का गलत तरीके से भुगतान हुआ था। छत्तीसगढ़ में रमन सरकार हटने के बाद मुकेश श्रीवास्तव भोपाल आ गए थे और उन्होंने यहां कमलनाथ सरकार से नजदीकियां बढ़ा ली थीं। रायपुर में एक कांग्रेस कार्यकर्ता आशीष देव सोनी ने आरटीआई के तहत जानकारी निकालकर इसकी शिकायत रायपुर ईओडब्ल्यू में की थी। यहीं से आयकर को बड़ी कर चोरी की जानकारी मिली थीं। इधर मप्र में कमलनाथ सरकार के दौरान हुए भुगतान को लेकर भी आयकर विभाग को कुछ चौंकाने वाली जानकारियां मिलने लगी थीं। इसी आधार पर यह कार्रवाई की गई।
भाजपा विधायक ने किया सवाल
मप्र जनसंपर्क विभाग के कथित घोटाले को भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के उजागर करने से पहले इसकी भनक सिरोंज से भाजपा विधायक उमाकांत शर्मा को लग गई थी। शर्मा ने इस संबंध में विधानसभा में सवाल भी लगाया था, लेकिन विधानसभा सत्र स्थगित हो जाने के कारण सरकार ने जवाब नहीं दिया।
मार्च में करोड़ों के भुगतान
बताया जाता है कि इसी साल मार्च माह में कमलनाथ सरकार के हटने की आहट आते ही लगभग 100 करोड़ से अधिक का भुगतान इन कंपनियों को किया गया। यह भी बताया जाता है कि इस भुगतान के लिए बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है। सूत्रों के अनुसार कृषि विभाग के काम के भुगतान के पहले कई जिलों के अधिकारियों की सीलें भोपाल में बनवाई गई और नकली हस्ताक्षर करके काम कम्पलीट होने के प्रमाण पत्र बनाए गए। दो-तीन दिन में ही लगभग 100 करोड़ से अधिक का भुगतान कर दिया गया।
पूर्व मुख्य सचिव निशाने पर
इस आयकर के छापे के बाद प्रदेश की जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। कमलनाथ सरकार ने जिस तरह कुछ एजेंसियों को उपकृत करने अरबों का भुगतान किया उसकी जांच शुरू हो सकती है। एक पूर्व मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी निशाने पर हैं। हालांकि इस अधिकारी ने अपने गृह प्रदेश वापिस लौटने के लिए सामान पैक कर लिया है लेकिन भाजपा सरकार इस अफसर को आसानी से छोडऩे को तैयार नहीं है।
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