संत नगर। बोरवन पार्क में बड़ी संख्या में बुजुर्गों द्वारा रोजाना संगीत की महफिल सजाने पर पर्यावरण प्रेमियों ने आपत्ति व्यक्त की है उनका कहना है कि तेज संगीत के शोर से पशु -पक्षियों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरण प्रेमियों की इस शिकायत को फॉरेस्ट विभाग ने भी गंभीरता से लिया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि फॉरेस्ट विभाग जल्द ही बोरवन पार्क में संगीत की महफिल को बंद करवाने की कार्रवाई करने वाला है। बोरवन पार्क में बड़ी संख्या में बुजुर्ग सुबह की सैर के साथ संगीत की महफिल जमा कर अपने मन तन को स्वस्थ बनाए हुए हैं। इस पार्क में संगीत की महफिल की शुरुआत करने वाले संत नगर के गायक नरेश गिदवानी ने की थी। और अब यहां पर 100 से अधिक गायक पार्क में रोजाना अलग-अलग टीमें बनाकर संगीत की महफिल जमाते हैं इनमें से कुछ तो ऐसे उभरते गायक भी हैं जिनके बेसुरे गाने की आवाज सुनकर पार्क में पशु-पक्षी भी घबराने लगते हैं।
इनका कहना है कि
संगीत के शोर से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और पार्क में रोजाना तेज साउंड में गीत संगीत बजना भी गलत है। गायकों की संगीत की महफिल महीने में एक बार हो तो ठीक लगता है। यहां पर तो सैकड़ों गायक आने लगे हैं और शोर से पशु पक्षियों की संख्या भी घटती जा रही है।
जगदीश आसवानी, अध्यक्ष बोरवन क्लब संत नगर
पार्क में शांति व सफाई होनी चाहिए
बोरवन पार्क में अधिकांश लोग अपने स्वास्थ्य को दुरुस्त करने के लिए शुद्ध हवा खाने तथा शांति के लिए आते हैं। लेकिन पार्क में कुछ लोग जन्मदिन मनाते हैं और संगीत के शोर तथा नाश्ते की झूठी प्लेट फैक कर गंदगी फैलाते हैं। जो नहीं होना चाहिए।
शैटी चंदनानी, भाजपा नेता संत नगर
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