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- पिछले 40 वर्षों से नगर में दरकार है स्थाई ट्रांसपोर्ट नगर की-कई योजनाएं बनी लेकिन शुरु नहीं हो पाई
उज्जैन। शहर में सुबह से शाम तक भारी वाहनों का प्रवेश होता रहता है। इनके कारण यातायात व्यवस्था बिगड़ती है, परंतु यातायात पुलिस और जिम्मेदार विभागों के पास इस समस्या के निदान की कोई प्लानिंग नहीं है। पिछले 40 वर्षों से ट्रांसपोर्ट व्यवसाई स्थाई ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए अनेक योजनाएं भी बनी, लेकिन पूरी नहीं हो सकी। यही कारण है कि बीच शहर में लोडिंग वाहन आते-जाते नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि विकास प्राधिकरण ने कुछ वर्ष पहले इंदौर रोड पर नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की प्लानिंग की थी, लेकिन नए मास्टर प्लान का प्रारूप आने के बाद इसका स्थान बदलना पड़ा था। बीते तीन दशकों में लगातार बढ़ती आबादी और बढ़ते शहर के दायरे के कारण पुराने स्थानों पर चल रहे ट्रांसपोर्ट क्षेत्रों को सिंहस्थ 1980 से ही स्थायी स्थान नहीं मिलने के कारण इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। 1992 के सिंहस्थ में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को इंदौर गेट क्षेत्र से हटाकर गदा पुलिया के समीप स्थान दिया गया था। सिंहस्थ 2004 में भी इन्हें यहां से हटाया गया था। वहीं सिंहस्थ 2016 में ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को यहां से इंदौर-उज्जैन बायपास मार्ग स्थित सांवराखेड़ी ब्रिज के आसपास जगह दी गई थी। व्यवसायियों के अनुसार नगर निगम तभी से इसका शुल्क भी वसूल रहा था, परंतु साल 2020 में जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई कर यहां व्यवसाय कर रहे 150 से अधिक ट्रांसपोर्ट और ऑटो पाट्र्स व्यवसायियों को सांवराखेड़ी ब्रिज क्षेत्र से कार्रवाई कर हटाया था। तब भी व्यवसायियों ने नगर निगम और जिला प्रशासन से स्थाई ट्रांसपोर्ट नगर उपलब्ध कराने की मांग की थी। मौके पर पहुंचे नगर निगम और प्रशासन के अधिकारियों ने भी तब उन्हें नगर निगम द्वारा प्रस्तावित विक्रम नगर क्षेत्र में ट्रांसपोर्ट नगर का जल्द निर्माण कर शिफ्ट कराने का आश्वासन दिया था। इसे भी अब लगभग चार साल का समय गुजर गया। वहीं कार्रवाई के बाद लगभग डेढ़ वर्ष पहले विकास प्राधिकरण ने 10 हेक्टेयर के दायरे में नया ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की योजना पर काम करना शुरू कर किया था। परंतु उसके बाद से अभी तक इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है। शहर में अभी भी अनेक जगह ट्रांसपोर्ट वाहनों के खड़े रहने के ठीए बने हुए। योजनाएं कई बनाई गई, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया जा सका और आज इस समस्या के स्थाई निदान के लिए फिलहाल कोई प्लानिंग नजर नहीं आ रही।
अभी इस स्थानों पर बने हुए हैं ठीए
स्थाई ट्रांसपोर्ट नगर की सुविधा नहीं होने के कारण वर्तमान में ट्रांसपोर्ट व्यवसाईयों के वाहन हरि फाटक ब्रिज के नीचे जंतर मंतर मार्ग की साइड में खड़े किए जा रहे हैं। इसी तरह दूधतलाई में भी पूर्व की तरह लोडिंग वाहन खड़े हो रहे हैं। हालांकि पिछली कार्रवाई के बाद बडऩगर रोड, उन्हेल बायपास मार्ग तथा एम आर 5 मार्ग पर भी ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े वाहन खड़े किए
जा रहे हैं।