नई दिल्ली । सोशल मीडिया पोस्ट (Social Media Posts) पर गोवा (Goa) में पर्यटन (Tourism) में कमी की बात कहना एक उद्यमी को भारी पड़ गया. कारण, पोस्ट के वायरल होने के बाद गोवा की पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज (case registered) कर लिया है. इसको लेकर रामानुज मुखर्जी (Ramanuj Mukherjee) नामक एक एक्स यूजर ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Chief Minister Pramod Sawant) से एक खुला पत्र लिखा है. इसमें उसने कहा कि पर्यटकों को गोवा में अपने अनुभवों से ठगा हुआ महसूस हुआ.
सीएम सावंत को लिखे अपने पत्र में मुखर्जी ने लिखा, “आपके पर्यटन विभाग ने गोवा में पर्यटन में गिरावट के आंकड़े साझा करने के लिए मेरे खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की है, जिससे यह बहस शुरू हुई. मेरे खिलाफ शिकायत सोशल मीडिया एक्स हैंडल के माध्यम से गलत डेटा प्रसारित करने, जिससे स्थानीय व्यवसायों को काफी परेशानी हुई और स्थानीय समुदाय के भीतर भय या चिंता पैदा हुई, के लिए दर्ज की गई है.”
उन्होंने कहा कि सावंत सरकार के अधिकारियों ने पहले 2024 के क्रिसमस और नए साल के मौसम के दौरान पर्यटकों की संख्या में गिरावट को स्वीकार किया था, यह दर्शाता है कि यह मुद्दा पूरी तरह से नया नहीं था.
दरअसल, मुखर्जी के वायरल पोस्ट ने पर्यटकों की शिकायतों की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने कहा, गोवा में अपने अनुभवों से ठगा हुआ महसूस किया. मुखर्जी ने लिखा, “यह मुद्दा वायरल हो गया क्योंकि इससे लोगों की भावनाएं भड़क उठीं. आगंतुकों ने राज्य की अपनी यात्राओं से निराश होने के बाद निराशा व्यक्त की.”
गोवा में पर्यटन की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए मुखर्जी ने कहा, “गोवा को बार-बार पर्यटकों की जरूरत है. लोग गोवा से प्यार करते थे, और जब भी मौका मिलता था, वहां वापस जाते थे. अगर उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया जाएगा तो वे अब भी ऐसा करेंगे”.
इसके अलावा, उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पोस्ट की वायरलिटी उनके द्वारा प्रस्तुत विशिष्ट डेटा की तुलना में इन साझा भावनाओं से अधिक प्रेरित थी. उन्होंने एक्स पर लिखा, “भले ही मेरे द्वारा साझा किया गया डेटा गलत था, आपको यह समझना चाहिए कि डेटा ने ही पोस्ट को वायरल नहीं बनाया. यह मुद्दा वायरल हुआ क्योंकि इससे लोगों की भावनाएं भड़क उठीं. पर्यटक गोवा गए और ठगा हुआ महसूस किया. उन्होंने अपनी शिकायतों के बारे में बताया.”
राज्य के साथ अपने व्यक्तिगत संबंध को याद करते हुए पीड़ित मुखर्जी ने गोवा की अपनी यात्राओं और टैक्सी ड्राइवरों, जमींदारों और दुकानदारों सहित स्थानीय निवासियों के साथ बनाए गए संबंधों को याद किया. उन्होंने लिखा, “आज सुबह, मैं खुद को उनकी उदासी और चिंता महसूस कर रहा हूं. यदि आपको मुझमें बलि का बकरा खोजने की राजनीतिक आवश्यकता है तो मैं परिणाम भुगतने के लिए तैयार हूं. लेकिन दुर्भाग्य से, इससे आपकी किसी भी वास्तविक समस्या का समाधान नहीं होगा”.
उन्होंने पत्र के अंत में सीएम प्रमोद सावंत से पर्यटन के दीर्घकालिक समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करते हुए कहा, “भारत इससे कम का हकदार नहीं है, गोवा भी इससे कम का हकदार नहीं है”.
बता दें कि 5 नवंबर को एक पोस्ट में मुखर्जी ने 2019 से 2023 तक गोवा आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था, “विदेशी पर्यटकों ने पहले ही राज्य छोड़ दिया है. रूसी और ब्रिटिश जो सालाना आते थे, उन्होंने इसके बजाय श्रीलंका को चुना है”.
उनके द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, जबकि गोवा ने 2019 में 8 मिलियन घरेलू पर्यटकों की मेजबानी की, इसने उस वर्ष 8.5 मिलियन विदेशी आगंतुकों का भी स्वागत किया. हालांकि, 2023 तक घरेलू पर्यटकों की संख्या 8 मिलियन पर स्थिर रही, जबकि विदेशी पर्यटकों का आगमन नाटकीय रूप से घटकर केवल 1.5 मिलियन रह गया.
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