उज्जैन।स्कूलों में प्रवेशोत्सव के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं लेकिन बच्चों में स्वाइन फ्लू फेल रहा है। बच्चों को स्वाइन फ्लू का टीका लगाया जा रहा है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजा जाए कि नहीं समझ नहीं आ रहा है। निजी स्कूलों में गुरुवार से शिक्षण सत्र शुरू हो गया, वहीं सरकारी स्कूल कल से प्रवेशोत्सव के साथ शुरू हुए, साथ ही पहले दिन से स्कूल चले हम अभियान भी शुरू हो गया, जो तीन चरणों में होगा।
सरकारी स्कूलों में कल से बच्चों की चहल-पहल दिखाई दी। काफी लंबे समय बाद छोटे बच्चे भी स्कूल पहुंचे। कई स्कूलों में बच्चों को तिलक लगाकर स्वागत किया गया तो कई स्कूलों में पहले ही दिन किताबें भी बांटी गईं। पालकों को स्कूल की समय सारिणी और स्कूल चले हम अभियान के बारे में बताया गया। कल बालसभा का आयोजन किया जाएगा, वहीं गुरुवार से शहर के सीबीएसई, एमपी बोर्ड के निजी स्कूलों में भी शिक्षण सत्र शुरू हुआ। लगभग दो साल बाद स्कूलों में इतनी बड़ी तादाद में बच्चों की उपस्थिति नजर आई। कोरोना काल के कारण छोटे बच्चों को तो स्कूल भेजा ही नहीं जा रहा था, लेकिन कोरोना का संक्रमण थोड़ा कम है तो पालक भी बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं। कुछ बच्चे तो पांच साल के होने के बाद भी पहली बार स्कूल पहुंचे, क्योंकि कोरोना के कारण वे स्कूल में जा ही नहीं सके थे। स्कूलों में पहले दिन बच्चों का स्वागत किया गया तो कई जगह बच्चों के लिए विशेष आयोजन हुए।
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