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    यूक्रेन जंग में और सैनिक भेजने के एलान से भड़के युवक ने भर्ती अधिकारी को मारी गोली

  • September 28, 2022

    कीव। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में तीन लाख सैनिक और उतारने के एलान के बाद से पूरे देश में गुस्सा है। इसके खिलाफ विभिन्न शहरों में लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई स्थानों पर उन्होंने सेना के दफ्तरों को आग लगा दी। पुलिस ने 2000 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।

    स्थानीय मीडिया की खबरों के मुताबिक, साइबेरिया के शहर उस्तलिमस्क में 25 साल का जिलिन सेना के दफ्तर में घुसा और भर्ती कमांडेंट को यह कहते हुए गोली मार दी कि कोई लड़ने के लिए नहीं जाएगा। हम अब अपने घर जाएंगे। जिलिन को गिरफ्तार कर लिया गया है। सेना के कमांडेंट को आईसीयू में रखा गया है। एक चश्मदीद के मुताबिक, जिलिन लड़ने के लिए बुलाए गए लोगों के साथ रह रहा था।

    रूस के उत्तरी इलाके में स्थित प्रांत दागेस्तान की राजधानी मकहाचकाला में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और प्रदर्शन किया। इनमें महिलाओं की भी बड़ी संख्या थी। इसकी गिनती निर्धन प्रांतों में होती है। पुलिसवालों ने इन्हें तितर-बितर करने की कोशिश की तो वह हाथापाई पर उतारू हो गईं। रूस के उत्तरी इलाके में ही स्थित प्रांत कबारदिनो बल्कारिया में भी पुरुषों के साथ हजारों महिलाएं सड़कों पर उतरीं।

    इससे पहले, पुतिन के तीन लाख लड़ाके और भेजने की बात कहने के बाद से ही हजारों लोग रूस छोड़कर जा रहे हैं। रूस से बाहर जाने वाली उड़ानों में टिकट मिलना मुहाल हो गया है। इसे देखते हुए एयरलाइनों ने अपने किराए में भी कई गुना बढ़ोतरी कर दी है। बाहर जाने वालों में बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है, जिन्होंने वापसी के टिकट बुक नहीं कराए हैं।

    यूक्रेन के इलाकों में जनमत संग्रह से पश्चिम के साथ तनाव बढ़ा
    यूक्रेन के रूस के कब्जे वाले इलाकों में जनमत-संग्रह का मंगलवार को आखिरी दिन था। इसमें उसने दोनास्क, लुहांस्क, खेरसान और जपोरिझिया को शामिल किया है। संभावना है कि इसे आधार बनाकर रूस इन इलाकों को यूक्रेन से अलग कर देगा। इसे लेकर पश्चिमी देशों के साथ उसका तनाव और बढ़ गया है। जनमत संग्रह के परिणाम की घोषणा दो दिन में होने की संभावना है। अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देश पहले ही इसके परिणाम को नहीं मानने की घोषणा कर चुके हैं।


    गीदड़भभकी न समझें एटमी हमले की चेतावनी : दिमित्री मेदवेदेव
    रूस के पूर्व राष्ट्रपति और सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव ने चेताया है कि रूस की एटमी हमले की चेतावनी को गीदड़भभकी न समझा जाए। रूस को अपनी रक्षा करने का अधिकार है और उसमें एटमी हथियार भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, विश्वास है कि नाटो इस जंग में सीधे उतरने से बचेगा। उनका इशारा जनमत संग्रह के परिणाम की घोषणा के बाद उन इलाकों को वापस पाने के प्रयासों की ओर था।

    मेटा ने यूरोप को निशाना बनाने वाले रूसी प्रचार तंत्र को निष्क्रिय किया
    फेसबुक और इंस्टाग्राम की मालिक कंपनी मेटा ने बताया कि उसने एक ऐसे नेटवर्क पर रोक लगाई है, जो सैकड़ों फर्जी अकाउंट और दर्जनों वेबसाइट के माध्यम से पश्चिम के खिलाफ रूस के प्रचार का हथियार बना हुआ था। फेसबुक ने कहा कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से ही उसकी साइट पर रूसी प्रचार तंत्र सक्रिय हो गया था।

    इस नेटवर्क पर ब्रिटेन के अखबार ‘गार्डियन’ और जर्मनी के ‘डेर स्बाइगेल’ जैसी साइट को भी फर्जी बना लिया गया था। इन पर असली के बजाय रूसी प्रचार वाली खबरें चलाई जा रही थीं। इसके अलावा, जर्मनी, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन और यूक्रेन में 1600 फेसबुक खातों के माध्यम से गलत खबरें फैलाई जा रही थीं।

    रूसी हिरासत में जापानी राजनयिक, जापान बोला- बदसलूकी भी की
    रूस ने पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक में पदस्थ एक जापानी राजनयिक तत्सुनोरी मोतोकी को संवेदनशील जानकारी लेने की कोशिश के आरोप में हिरासत में लिया है। वहीं, जापान ने जासूसी के आरोपों में जापानी वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी को हिरासत में लेने के आरोपों को खारिज करते हुए रूसी अफसरों पर अपमानजनक तरीके से पूछताछ करने का आरोप लगाते हुए रूस से मामले में माफी की मांग की।

    रूस की एजेंसियों ने ‘एफएसबी’ के हवाले से बताया कि पैसे लेकर संवेदनशील जानकारी लेते हुए जापान के एक राजनयिक को रंगे हाथों पकड़ा गया है। वह रूस की ऐसी जानकारी ले रहा था, जिसे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किसी अन्य देश के साथ साझा करने पर रोक है।

    व्लादिवोस्तोक में पदस्थ वाणिज्य दूत मोतोकी तत्सुनोरी ने ‘पश्चिमी प्रतिबंधों के प्रभाव’ से जुड़ी जानकारी भी हासिल करने की कोशिश की। वहीं, जापानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि एक अफसर 22 सितंबर को पकड़ा गया और उसकी आंखों पर पट्टी बांधकर बदसलूकी के साथ पूछताछ की गई। हम इसका विरोध करते हुए माफी की मांग करते हैं।

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