नई दिल्ली (New Delhi) । इंग्लैंड (England) की ‘बैजबॉल’ शैली की भारत (India) में हवा निकल गई है। इंग्लैंड ने पिछले ढेढ़ साल में आक्रामक अंदाज में टेस्ट क्रिकेट (test cricket) खेलकर सफलता के झंडे गाड़े मगर भारतीय टीम (Indian team) के सामने उसे जूझना पड़ रहा है। भारत ने पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 की बढ़त बना ली है। भारत ने राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट में इंग्लैंड को 434 रनों से धूल चटाई। यह भारत की रनों के लिहाज से सबसे बड़ी टेस्ट जीत है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और माइकल वॉन समेत अनेक पूर्व खिलाड़ियों और एक्सपर्ट ने ‘बैजबॉल’ की आलोचना की है। नासिर-वॉन ने कहा कि बेहद आक्रामक होकर खेलने की रणनीति हमेशा कारगर नहीं होती और मैच की स्थिति के अनुसार खेलने की जरूरत है।
हालांकि, इंग्लैंड के कोच ब्रेंडन मैक्कुलम ‘बैजबॉल’ की आलोचना से ज्यादा चिंतित नहीं हैं। उन्होंने आलोचना को ‘बाहरी शोर’ करार दिया और इंग्लैंड के खिलाड़ियों को खेल पर फोकस रखने की नसीहत दी। मैक्कुलम ने बीबीसी टेस्ट मैच स्पेशल में कहा, ”लोगों को अपनी राय रखने का हक है, चाहे वो अच्छी, बुरी या अजीब हो। यह हम पर निर्भर करता है कि हम इसे सुनना चाहते हैं या नहीं। ड्रेसिंग रूम एक बहुत मजबूत जगह है जहां कॉन्फिडेंस हाई होता है। खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा को पनपने का मौका दिया जाता है। अगर हम बाहरी शोर को अंदर आने देते हैं तो यह हमारी प्रॉब्लम है।”
मैक्कुलम के कोच और बेन स्टोक्स के कप्तान बनने का बाद से इंग्लैंड टीम बेखौफ क्रिकेट खेल रही है। मैक्कुलम का निकनेम ‘बैज’ है, जिसे जोड़कर बैजबॉल नाम दिया गया। कोच ने कहा, ”हमें अब भी कुछ प्रोग्रेस करनी है और कुछ चीजों में सुधार करना है लेकिन हम 18 महीने पहले की तुलना में अब बेहतर टीम हैं। जाहिर तौर पर हम अभी तक इस मेथेड पर पूरी तरह से हावी नहीं हुए हैं। कई बार ऐसा होगा जब हम इसे सही तरीके से नहीं अपना पाएंगे क्योंकि यह खेलने का एक कठिन तरीका है। कभी-कभी हमें असफलता से निपटना पड़ता है।”
मैक्कुलम ने इसके अलावा इंग्लैंड के दिग्गज बल्लेबाज जो रूट की खराब फॉर्म को लेकर चुप्पी तोड़ी। रूट ने भारत के खिलाफ तीन मैचों में महज 77 रन बनाए हैं। वह तीसरे टेस्ट में रिवर्स स्कूप मारने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे थे। वॉन ने रूट के बारे में कहा था कि टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार प्लस रन बनाने वाले खिलाड़ी को बैजबॉलर बनने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं, मैक्कुलम ने रूट का बचाव करते हुए कहा, ”लोग इस तरह का शॉट देखते हैं और कहते हैं ‘जो रूट नई शैली में एडजस्ट होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”
कोच ने आगे कहा, ”गेम पर उनका प्रभाव अभी भी बेहद महत्वपूर्ण है। कल्पना कीजिए कि अगर यह रूट के लिए आदर्श बन जाए, उनके पास गजब का टैलेंट है और शानदार इतिहास है। तो फिर अधिकतम सीमा क्या है? क्या हम सिर्फ एक नॉर्मल जो रूट चाहते हैं, या क्या हम उससे भी बेहतर जो रूट चाहते हैं? अगर ऐसा होता है तो हम कितने मैच जीतेंगे।”
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