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    Engineers Day 2023 : आधुनिक समाज की रीढ़ के रूप मनाते हैं इंजीनियर्स डे, जानिए इसका इतिहास और महत्व

  • September 11, 2023

    नई दिल्‍ली (New Delhi)। भारत में अभियंता दिवस (Engineers Day ) यानी इंजीनियर डे (Engineers Day 2023) 15 सितंबर को मनाया जाता है। 15 सितंबर भारत के एक सिविल इंजीनियर और राजनेता सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Mokshagundam Visvesvaraya) का जन्मदिन है। उनका जन्मदिवस इंजीनियर्स डे (Engineers Day) के रूप में मनाया जाता है़ लेकिन क्या आप जानते हैं की, इंजीनियर डे क्यों मनाया जाता है? इसका महत्व क्या है। अगर नहीं पता है तो, आज हम आपको इस पोस्ट में यही बताने वाले हैं की, हम 15 सितंबर को इंजीनियर दिवस क्यों मनाते है?

    इंजीनियर्स डे इतिहास क्या है
    1968 में, भारत सरकार ने सर एम विश्वेश्वरैया की जयंती को इंजीनियर्स दिवस के रूप में घोषित किया था। तब से, यह दिन उन सभी इंजीनियरों को सम्मानित करने और स्वीकार करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने योगदान दिया है और अभी भी एक आधुनिक और विकसित भारत के निर्माण के लिए ऐसा प्रयास कर रहे हैं।



    इंजीनियर्स डे क्यों मानते है?
    हर वर्ष भारत में 15 सितंबर को अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे) के रूप में मनाया जाता है. ऐसा इसलिए क्यूँकि इसी दिन भारत के महान अभियन्ता एवं भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन हुआ था।

    मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी का भारत में विशेष योगदान रहा है। इंजीनियर्स डे मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी को समर्पित है। 15 सितंबर 1860 में मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी का जन्म हुआ था और हर वर्ष इसी दिन इंजीनियर्स डे मनाया जाता है।

    मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया जी को श्रद्धांजलि देने के तौर पर हर वर्ष इंजीनियर्स डे मनाया जाता है साथ ही इंजीनियर्स को सम्मानित करने के लिए इंजीनियर्स डे मनाने की शुरुआत की गई।

    इंजीनियर्स डे का महत्व
    भारत इंजीनियरिंग एवं आईटी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश माना जाता है. भारत में बहुत सारे इंजीनियरिंग संस्थाएं हैं और इंजीनियरिंग के बहुत सारे कोर्स भी हैं. किसी भी देश को विकसित बनाने में इंजीनियर्स की मुख्य भूमिका रहती है. इंजीनियर्स को आधुनिक समाज की रीढ़ माना जाता है. बिना इंजीनियर के किसी भी देश का विकास असंभव है।

    इंजीनियर्स डे हर वर्ष में एक बार आकर बार बार दुनिया को जताता है कि इंजीनियर हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं और वे सम्मान के हकदार है. साथ ही सभी लोगों को इस कार्यक्षेत्र में आकर अपना योगदान देने के लिए प्रेरित करता है. इंजीनियर्स डे सिर्फ मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया और सभी इंजीनियर के सम्मान का दिवस तो है ही साथ ही यह दिवस सभी छात्रों को जताता है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आप अपना करियर बना कर आप देश को विकसित करने में बाकी इंजीनियर्स की तरह अपना योगदान दे सकते हैं।

    इंजीनियरों को आधुनिक समाज की रीढ़ के रूप में देखा जाता है। इंजीनियर्स एक प्रकार के जादूगर होते है, वे अपनी रचनाओं से दुनिया को विस्मित और मोहित करते रहते हैं। एक इंजीनियर भविष्य के काम को आसान बनाने और परिपक्वता और क्षमता के उच्च स्तर तक पहुंचने के लिए उपकरण बनाता है। एक उन्नत तकनीकी दुनिया में, हमें अपने विचारों को वास्तविक मैं बदलने के लिए इंजीनियरों की आवश्यकता है। आज की दुनिया में इंजीनियरिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण अनुशासन है।

    टीचर्स डे क्यों मनाया जाता है?
    वैज्ञानिक, इंजीनियर देश के विकास में अद्भुत भूमिका निभाते हैं। इसलिए वे सम्मान के हकदार होते हैं। जिस तरह शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए टीचर्स डे, डॉक्टरों को सम्मानित करने के लिए डॉक्टर डे, माता-पिता को सम्मानित करने के लिए मदर्स डे, फादर्स डे मनाए जाते हैं,

    उसी तरह इंजीनियरों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देने और उनका सम्मान करने के लिए सभी इंजीनियरों को समर्पित एक दिन होना चाहिए। इसीलिए, इंजीनियरों को सम्मानित करने हेतु इंजीनियर डे मनाया जाता है। भारत में, भारत के एक महान इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को याद करने और सम्मान करने के लिए उनका जन्मदिवस 15 सितंबर को Engineers Day मनाया जाता है।

    हम 15 सितंबर को इंजीनियर दिवस क्यों मनाते हैं?
    सर एम विश्वेश्वरैया को भारत में वर्षा जल संसाधनों के दोहन में उनकी प्रतिभा के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त थी। उन्होंने स्वचालित वियर वॉटर फ्लड गेट्स को डिजाइन किया था, जिसे पहली बार 1903 में पुणे के खडकवासला जलाशय में स्थापित किया गया था।

    सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के बारे में:
    उन्होंने हैदराबाद के लिए बाढ़ सुरक्षा प्रणाली भी तैयार की, जिससे उन्हें भारत में सेलिब्रिटी का दर्जा मिला। वह मुख्य अभियंता के रूप में मैसूर में कृष्णा राजा सागर बांध के निर्माण के लिए जिम्मेदार थे। उन्होंने मैसूर राज्य के दीवान के रूप में कार्य किया। उनके अद्भुत योगदान को देखते हुए उन्हें 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
    उनके उल्लेखनीय योगदान को याद करने के लिए, हम भारतीय उनका जन्मदिन हर वर्ष इंजीनियर दिवस के रूप में मनाते हैं।

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