कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर आईआईटी एयरोस्पेस विभाग के छात्र ने एक नैनो ड्रोन तैयार किया है, जो बेहद छोटा है और गौरैया चिड़िया के बराबर है. इस ड्रोन का वजन मात्र 232 ग्राम है. खासकर इसे रक्षाबलों की टोही क्षमताओं को बढ़ाने की लिए बनाया गया है.
इससे भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की चिंता बढ़ सकती, क्योंकि ये ड्रोन चुपके से किसी भी सीमा के अंदर प्रवेश करके दुश्मनों के मंसूबे की जानकारी अपने कैमरे में कैद कर सकता है. हिंदी फिल्म ‘उरी द सर्जिकल स्ट्राइक’ में गरुड़ ड्रोन को दिखाया गया है, जो आतंकियों पर नजर रखता है. कुछ इसी तरह के प्रयोग के लिए इस ड्रोन को तैयार किया गया है, लेकिन यह बेहद उपयोगी और छोटा है.
कानपुर आईआईटी से इंजीनियरिंग कर रहे छात्र बसंत ने इस ड्रोन को तैयार किया है, जिसमें कई अलग खूबियां हैं. खासकर यह अपने आकार में छोटा होने के कारण दुश्मनों के तकनीकी रडार में नहीं दिखाई देगा. इसके साथ नैनो ड्रोन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है. खासकर इसके दिखाई देने की बात की जाए तो यह दुश्मनों को दिखाई भी नहीं देगा.
इसकी ये भी खूबी है कि 35 मीटर की दूरी पर जाते ही यह धुंधला दिखाई देता है और 50 मीटर के बाद बिल्कुल दिखाई देना बंद हो जाता है. खास बात यह भी है कि इसमें बेहद कम आवाज है. नैनो ड्रोन एक बार चार्ज करने पर 30 मिनट तक उड़ सकता है और 2 किलोमीटर तक उड़ान भरकर तकरीबन 4 किलोमीटर की परिधि वाली सभी गतिविधियों को अपने कैमरे में कैद करेगा, जो हमारे देश की सीमा पर सुरक्षा तकनीकी के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी.
कानपुर आईआईटी इंजीनियरिंग के छात्र बसंत ने बताया कि इसकी बॉडी पक्षियों की तरह बनाने का काम भी चल रहा है. सैन्य बलों के सामने इसका ट्रायल किया गया, जो काफी हद तक सफल रहा है. कुछ ट्रायल अभी होने बाकी हैं और इस नैनो ड्रोन की कीमत एक लाख तक होगी और खासकर इस ड्रोन को दुश्मनों की रडार की रोशनी से बचता है.
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