उज्जैन। शहर के सप्तसागरों के आसपास से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई आने वाले दिनों में होगी। इसके लिए टीम का गठन किया जा रहा है। यह टीम सर्वे कर रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर नगर निगम द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कल निर्देश दिए कि पर्यावरण दिवस 5 जून से लेकर 20 जून तक प्रदेश की जितनी भी जल संरचना हैं उनके संरक्षण एवं गहरीकरण को लेकर अभियान चलाया जाए। इसी कड़ी में उज्जैन में नगर निगम द्वारा एक टीम का गठन किया जा रहा है। निगम आयुक्त आशीष पाठक ने बताया इसके लिए नगर निगम एवं पीएचई के इंजीनियरों एवं अधिकारियों की टीम गठित की जा रही है। यह टीम सभी सप्तसागरों एवं जल संरचनाओं का सर्वे करेगी और रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम की गैंग आसपास से अतिक्रमण हटाएगी और इनको सुरक्षित करने का काम करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के स्पष्ट निर्देश हैं कि पर्यावरण दिवस 5 जून से लेकर गंगा दशमी तक यह अभियान चलाया जाए। इसके अलावा जल संरचनाओं के आसपास पौधारोपण की भी योजना बनाई जा रही है। उज्जैन में सप्तसागरों की बात की जाए तो सिर्फ रत्नाकर सागर उंडासा की हालत ही ठीक है, बाकी के अन्य सागरों में सबसे दयनीय हालत पुष्कर सागर की है, यहाँ की जमीन पर कॉलोनाइजरों ने कब्जा कर रखा है और यह सागर बावड़ी नुमा बचा है और इसका भी संरक्षण ठीक ढंग से नहीं होता है। पहले आसपास के मकान हटाने की बात कही गई थी लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई। इसके अलावा विष्णु सागर, रुद्र सागर की स्थिति थोड़ी ठीक है। निकास चौराहे पर स्थित सागर का मामला कोर्ट में चल रहा है, इसके टेंडर हो गए हैं लेकिन कोर्ट में स्टे होने के कारण यहाँ काम शुरू नहीं हो पाया हैं। इसके अलावा इंदिरा नगर के पुरुषोत्तम सागर में आसपास पेड़ पौधे जरूर लगाए गए हैं और संरक्षण भी किया गया है लेकिन सही देख रेख की इस सागर को भी बहुत जरूरत है, वहीं क्षीरसागर में भी पानी में ऑक्सीजन की कमी के कारण अक्सर मछलियाँ मर जाती है और आसपास के सीवरेज का पानी भी यहाँ मिलता है। इस पर भी नगर निगम को ध्यान देना होगा। नगर निगम द्वारा गठित समिति यदि इन पर ध्यान देगी तो आने वाले दिनों में सप्तसागर और शहर की जल संरचनाएँ आबाद होंगी और इसका लाभ शहर को मिलेगा।
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