उज्जैन। महाकाल मंदिर का विस्तारीकरण भले ही किया जा रहा हो या फिर आस-पास के मकानों को तोडऩे का काम किया जा रहा है लेकिन आमने सामने के साथ ही मंदिर परिक्षेत्र की कुछ गलियां और मार्ग ऐसे भी हैं जहां सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर हार फूल की दुकानों के साथ ही रेस्टोरेंटों का संचालन किया जा रहा है। यूं भले ही मंदिर का विस्तारीकरण किया जा रहा हो या फिर अतिक्रमण हटाने का भी दावा नगर निगम प्रशासन द्वारा किया जाता हो लेकिन मंदिर परिक्षेत्र स्थित गलियां ही नहीं बल्कि महाकाल चौराहे से मंदिर तक पहुंचने वाले मार्गों की स्थिति यह है कि बीच सड़क पर तो हार फूल की दुकानों के साथ चाट, पानी पताशे वालों ने कब्जा कर रखा है वहीं गलियों में रेस्टोरेंट, श्रृंगार, खिलौने आदि की दुकान चलाने वालों ने दस फीट से ज्यादा सरकारी जमीन पर ही कब्जा कर सामग्री को फैला रखा हुआ है।
गलियों के भीतर ही छोटे रेस्टोरेंट खोल लिए
महाकाल मंदिर के साथ ही महाकाल लोक को देखने आने वालों की भीड़ बहुत ज्यादा है और यही कारण है कि मंदिर क्षेत्र के साथ ही आस-पास संचालित होने वाली होटलों, धर्मशालाओं व गेस्ट हाउस संचालकों का धंधा अच्छा चल रहा है तथा अन्य दुकानदारों का भी धंधा अच्छा ही है लेकिन कमाने के लालच में गलियों में भी लोगों ने छोटे रेस्टोरेंट खोल लिए है। तंग गलियों में खोले गए इन रेस्टोरेंटों के कारण गलियों में से पैदल आना जाना भी मुश्किल हो गया है वहीं दो पहिया वाहन भी फंसे रहते हैं। सबसे ज्यादा स्थिति तब खराब होती है जिस दिन मंदिर में भीड़ बहुत अधिक रहती है। जैसे शनिवार, रविवार व सोमवार के दिन भीड़ ज्यादा होने से मंदिर परिक्षेत्र की गलियां भरी पड़ी रहती है, बावजूद इसके छोटे रेस्टोरेंट चलाने वाले आने जाने वाले लोगों की परेशानी को समझने के लिए तैयार नहीं है। इस स्थिति से आसपास के रहवासियों का शांति से गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो गया है। मुख्य सड़के पीछे की पट्टी में रहने वाले लोगों की तो आवाजाही तक बाधित हो गई है। लोगों का कहना है कि कई मर्तबा अफसरों को शिकायत की, मगर कभी निराकरण के लिए कदम नहीं उठाया।
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