नागदा। ग्राम झिरमिरा की बगैर नोयत परिवर्तन कराएं गोचर की शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 201 पर क्रेशर मशीन लगाने के लिए प्रदान किए गए उत्खनन पट्टे को निरस्त करने व शेष बची गोचर भूमि पर राजस्व अधिकारियों ने सांठगांठ करके ओटा लगाकर कब्जा कर लिया है जिससे किसानों के आने-जाने का रास्ता रुक गया है। साथ ही इस रास्ते पर पडऩे वाली लेकोडिय़ा गोशाला की गायों पर भी संकट आ गया है। ग्राम झिरमिरा के ग्रामीणों ने यह आरोप लगाया है।
इस संबंध में ग्रामीणों ने शनिवार को सीएम शिवराजसिंह चौहान के नाम ज्ञापन विधायक दिलीपसिंह गुर्जर को सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि शासकीय भूमि सर्वे क्रमांक 201 रकबा 11.6400 हेक्टेयर जो गोचर चरनोई की भूमि है, जिस पर सालों से ग्राम झिरमिरा, लेकोडिय़ा व लेकोडिय़ा गोशाला के पशु पानी पीकर चरते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि विगत दिनों राजस्व अधिकारी, पटवारी व अन्य लोग पहुंचे और सीमांकन करने लगे।
उन्होंने जब विरोध किया तो इस भूमि का उत्खनन पट्टा प्रदान कर दिया गया है। विरोध के बावजूद भी सीमांकन किया और जितनी भूमि उत्खनन पट्टे के लिए दी गई थी उसके अलावा भी शेष गोचर भूमि पर धारकों ने भूमि पर कब्जा कर लिया जिससे किसानों के खेतों में आने-जाने का रास्ता बंद हो गया। गांवों व गोशाला के लगभग 500 से अधिक गायें जो इस गोचर भूमि पर चरती थी, चरना बंद कर दिया गया है। जिससे गायों के सामने भूखे रहने की स्थिति बन गई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इन गांवों के समीप दो मगरे हुआ करते थे जिसमें से एक पर गेहूं खरीदी के लिए सायलो केंद्र तो दूसरी उक्त भूमि पर किसानों व आसपास के पशु चरते हैं। यह चरनोई की भूमि भी लीज पर दे दी गई हैं। ज्ञापन सौंपते समय चैनसिंह गुर्जर, लोंगनाथ, रामाजी प्रजापत, पप्पू गुर्जर, रामेश्वर गुर्जर, राहुल गुर्जर, धुलजी गुर्जर, अर्जुन गुर्जर, कचरू गुर्जर, विनोद गुर्जर, बालुजी गुर्जर, मोहम्मद रंगरेज आदि मौजूद थे।
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