उज्जैन। पिछले दो दशक में विकास प्राधिकरण ने शिप्रा विहार, त्रिवेणी विहार, महाश्वेतानगर, महाशक्ति नगर सहित गोयलाखुर्द और अन्य कई आवासीय योजना का निर्माण किया है। इनमें से कई कॉलोनियों में सालों से प्लॉट और बनाए गए मकानों पर अवैध कब्जे हैं। सैकड़ों मकान और प्लॉट के मामले अभी भी न्यायालयों में चल रहे हैं। विकास प्राधिकरण द्वारा वैसे तो तीन दशक पहले शहर में अनेक आवासीय योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया था परंतु पिछले दो दशक में विकास प्राधिकरण द्वारा कई बड़ी आवासीय योजनाएँ भी इंदौर और देवास रोड पर तैयार की गई हैं। इनमें त्रिवेणी विहार योजना, बसंत विहार योजना, महाश्वेता नगर, महानंदानगर, भार्गव नगर, शक्कर वासा और गोयलाखुर्द क्षेत्र प्रमुख रहे हैं जहाँ बड़ी आवासीय योजनाएँ तैयार हुई हैं और कई योजनाएं अभी प्रस्तावित हैं।
तीन साल पहले नानाखेड़़ा क्षेत्र में भी कोर्ट के आदेश से गुलमोहर कॉलोनी के बेशकीमती 181 प्लॉट प्राधिकरण को मिल गए थे। इन सभी कॉलोनियो में बड़े पैमाने पर मकान और प्लॉट खाली हैं तथा इन पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण हो गए हैं। कई योजनाओं के मामले में विकास प्राधिकरण ने विभाग की जमीन और प्लॉट को कब्जों से मुक्त कराने के लिए न्यायालय में वाद भी दायर कर रखे हैं। प्राधिकरण के नानाखेड़ा स्टेडियम के सामने वाले भाग पर भी अतिक्रमण और अवैध निर्माण के बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन चल रहा है। कुल मिलाकर प्राधिकरण की कई बड़ी योजनाओं में अवैध कब्जे और अतिक्रमण के कारण न्यायालय पहुँचे मामले लंबे समय से चल रहे हैं और इसके कारण योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है।
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