भोपाल। राजधानी में पुलिस और बीस हजार के इनामी बदमाश के बीच बुधवार की सुबह करीब साढ़े 6 बजे मुठभेड़ हो गई। आरोपी ने पुलिस से बचने के लिए देसी पिस्टल से 6 राउंड फायर किए। बचाव में पुलिस ने आरोपी पर फायरिंग की। दो गोली बदमाश के पांव में लगने के बाद वह घायल हो गया। जिसे पकड़कर पुलिस ने हमीदिया अस्पताल में भर्ती करा दिया है। जहां उसका उपचार चल रहा है।
एसपी साउथ साईं कृष्ण थौटा के अनुसार बदमाश शेखर लोधी छोला इलाके के रहने वाला है। उसके खिलाफ छोला और निशातपुरा थाने में एनडीपीएस,मारपीट और हत्या जैसे करीब 18 अपराध दर्ज हैं। आठ माह पहले छोला इलाके में शेखर ने एक हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। इस मामले में वह फरार चल रहा था। उस पर बीस हजार का इनाम घोषित था। तब से ही पुलिस को शेखर की तलाश थी।
पुलिस को लगातार इनपुट मिल रहा था कि शेखर मंडीदीप में फरारी काट रहा है। बीती देर रात पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि शेखर अकेला बाइक पर सवार होकर मंडीदीप से सीहोर जाने वाला है। इसके बाद पुलिस ने उसकी घेराबंदी शुरु की थी। टीआई सुदेश तिवारी ने आरक्षक आलोक तिवारी और युवराज सिंह के साथ आरोपी को पकडऩे संभावित रास्तों में पहरेदारी शुरू की। आरोपी शेखर जागरण लेकसिटी की ओर से आता दिखा तो पुलिस ने उसका पीछा किया। तब वह संस्कार वैली स्कूल के पास पहुंचा और स्कूल के एक पिलर के पीछे छुप गया। जहां से उसने भागने के प्रयास में पुलिस पार्टी पर 6 राउंड सीधे फायर किए।
हालांकि एक भी पुलिसकर्मी को गोली नहीं लगी लेकिन पीछा करते समय मामूली चोट आईं हैं। जवाबी फायरिंग में आरोपी के पांव में गोली लगते ही वह घायल हो गया। इसके बाद में आरोपी की गिरफ्तारी कर उसे एम्बुलेंस से हमीदिया अस्पताल पहुंचाया दिया गया। एसपी का कहना है कि शेखर के पांव में संभवत: दो गोली लगी हैं। ऑपरेशन के बाद साफ होगा की कितनी गोली लगी हैं।
1700 बदमाश चिन्हित, 700 पर निगाहें
भोपाल पुलिस ने जिले के 1700 बदमाशों को चिह्नित किया है। इनमें से कुख्यात 700 बदमाशों की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। मुठभेड़ में घायल लोधी भी इसी सूची में शामिल था, जिसे आज घेराबंदी कर पकडऩे के प्रयास में गोलीबारी हुई।
मुठभेड़ पर उठ रहे सवाल!
मुठभेड़ के बाद पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। बकौल एसपी शेखर कुख्यात अपराधी है। उसने 6 राउंड फायर भी पुलिस पर किए हैं। इतने कुख्यात अपराधी की घेराबंदी के लिए पुलिस के सिर्फ तीन लोग ही क्यों लगाए गए। उन्हें उचित सुरक्षा महौया क्यों नहीं कराई गई। क्या टीआई ने आला अधिकारियों को घेराबंदी से पूर्व सूचना नहीं दी थी। अगर दी गई थी तो पूरी टीम और उचित सुरक्षा के साथ बदमाश को क्यों नहीं घेरा गया। उल्लेखनीय है कि टीआई सुदेश तिवारी पूर्व में भी 50 से अधिक एनकाउंटर कर चुके हैं। उन्हें एमपी पुलिस का सिंघम कहा जाता है।
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