काबुल । अफगानिस्तान( Afghanistan) में 60 से अधिक तालिबानी कमांडरों (Taliban commanders) को ढ़ेर कर दिया गया है। अफगान सरकार के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार दक्षिणी हेलमंद और कंधार प्रांत में सुरक्षा बलों के साथ हुए संघर्ष में 60 से अधिक तालिबान कमांडर मारे गए हैं। तालिबानी आतंकियों पर अफगान सरकार की यह एक बड़ी कार्यवाई है। जिसमें एक साथ कई कमांडर मारे गए हैं।
वहीं, दूसरी ओर अफगानिस्तान में तालिबान की हिंसा में साढ़े सात हजार से ज्यादा नागरिक एक साल में हताहत हुए हैं। इधर अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुलह परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है कि जेलों में बंद तालिबान की रिहाई इस उम्मीद के साथ की गई थी कि देश में अमन-चैन कायम होगा। अफसोस कि ऐसा नहीं हो सका।
अफगान मानवाधिकार आयोग के मुताबिक इस साल देश में हिंसा में साढ़े सात हजार नागरिक मारे गए या घायल हुए। इनमें 253 महिलाएं और 452 बच्चे शामिल हैं। आयोग के उप-प्रमुख नईम नाजरी के अनुसार हिंसा से पीड़ित लोगों ने दोहा में चल रही शांति वार्ता की प्रक्रिया से तालिबान प्रतिनिधियों के अनुपस्थित रहने की भी निंदा की है।
हेरात में एक कार्यक्रम में अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि वे शांति के किसी भी रास्ते को बंद नहीं करना चाहते हैं। उन्हें उम्मीद थी कि तालिबान मानवीयता के लिए हिंसा का रास्ता छोड़ देंगे। अफगान इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटजिक स्टडीज (एआइएसएस) के अध्यक्ष डेवूड मुराडियन ने कहा है कि चार दशक से चल रही शांति की कोशिशों में पहले इसमें आने वाली दिक्कतों को गंभीरता से देखने की जरूरत है ।
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