इंदौर (Indore)। संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखाकर एवं संग्रहालय मध्य प्रदेश भोपाल द्वारा 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जा रहा है। विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत 22 नवंबर बुधवार को इंदाैर के प्राचीन राजवाड़ा परिसर के हाल में धरोहर की सुरक्षा एवं रोजगार के अवसर विषय पर व्याख्यान माला का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें वक्ता के रूप में देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर के प्रबंधन विभाग के श्री नील जैन ने कहा कि वर्तमान समय धरोहर के उचित प्रबंधन का है। पुरातत्व व पर्यटन के क्षेत्र में प्रबंधन का महत्व बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से रोजगार के नए-नए अवसर विकसित हुए हैं। पर्यटन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।रोजगार के अवसरों को पहचानकर युवाओं को इस दिशा में भी ध्यान देना चाहिए।
विषय विशेषज्ञ श्री राजेंद्र सिंह ने कहा कि हमारी धरोहरों को सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है। वर्तमान में हम किस तरह से धरोहर का संरक्षण करें, इस पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। यह एक वैज्ञानिक कार्य है। इन धरोहरों के माध्यम से हम अपने अतीत के बारे में गौरवशाली जानकारी प्राप्त करते हैं। विषय विशेषज्ञ श्री जफर अंसारी ने कहा कि इंदौर में भी बहुत महत्वपूर्ण धरोहर हैं। यहां की छतरियां ऐसी धरोहर है, जिसे लोग देखना पसंद करते हैं। उन्होंने स्थानीय स्तर पर इंदौर की धरोहरों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
इस मौके पर आइपीएस एकेडमी के पर्यटन प्रबंधन के विशेषज्ञ श्री एचआर पाटीदार ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में प्रबंधन के माध्यम से रोजगार के अवसर है। डाक टिकट संग्राहक व सेवानिवृत बैंक अधिकारी श्री उमेश कुमार नीमा ने बताया कि डाक टिकट के माध्यम से इतिहास के बारे में जानकारी दी जा सकती है। इस अवसर पर पुरातत्व विभाग के उप संचालक श्री प्रकाश परांजपे ने आयोजन के उद्देश्य प्रकाश डाला। अतिथियों का परिचय दिया और स्वागत किया। पुरातत्व विभाग के रसायनज्ञ श्री प्रवीण श्रीवास्तव ने बताया कि किस तरह से धरोहर को सुरक्षित किया जाता है। इस मौके पर निजी और शासकीय विद्यालय व महाविद्यालय के छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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