- काम बंद कर हड़ताल करने की चेतावनी
भोपाल। मंत्रालय के अधिकारी एवं कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर लामबंद हो गए हैं। शुक्रवार केा मध्यप्रदेश सचिवालयीन कर्मचारी संघ, मप्र सचिवालय (मंत्रालय) शीघ्रलेखक संघ, अजाक्स मंत्रालयीन शाखा के नेतृत्व में कर्मचारी एवं अधिकारियों ने लंबित मांगों के निराकरण के मंत्रालय परिसर में धरना-प्रदर्शन किया गया। साथ ही रैली के रूप में मंत्रालय की परिक्रमा कर एकजुटता का परिचय दिया। कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद भी मंत्रालय में पदस्थ वित्त सेवा के अधिकारी कर्मचारी विरोधी मानसिकता से कमा कर रहे हैं।
मंत्रालय संघ के अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने बताया कि वर्ष 2013 में अनुभाग अधिकारी / निज सचिव का वेतनमान ग्रेेड-पे – 5400 किये जाने के लिए वित्त विभाग का अभिमत प्राप्त कर प्रकरण मंत्रिपरिषद के समक्ष रखने हेतु मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिये गये थे। 10 वर्ष बाद भी इसके आदेश जारी नही हुए। इसी प्रकार स्टेनो टायपिस्ट के तृतीय वेतनमान में सुधार के आदेश वर्ष 2018 से लंबित हैं। मंत्रालय भत्ता में मूल्य सूचकांक के आधार पर वृद्धि वर्ष 2013 से नहीं की गई है। इसी तरह हाल ही में चतुर्थ समयमान के आदेश में माननीय मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत आदेश जारी कर मंत्रालय के अधिकारी / कर्मचारियों को उससे वंचित रखा गया है। हमारी सभी मांगे जायज हैं फिर भी वर्षों से शासन की ओर मांगों के लिए ताक रहे हैं। हमने मजबूर होकर धरना प्रदर्शन करने का कदम उठाया है। सपाक्स के घनश्याम मकोरिया ने कहा कि मंत्रालयीन कर्मचारियों की लंबित मांगों के लिए पूरा कराने के लिए हम सब एकजुट हैं। 2016 से पदोन्नति न होने से कर्मचारी व्यथित हैं और हम चाहते हैं। धरना प्रदर्शन में सुभाष चन्द्र वर्मा अध्यक्ष मप्र सचिवालय कर्मचारी संघ , घनश्याम भकोरिया अध्यक्ष अजाक्स अधिकारी-कर्मचारी संघ मंत्रालय शाखा, टीपी पाण्डेय, शेख मुजीब, श्रीमती नवीनता टिकारिया, कन्हैयालाल पाण्डेय, गणेशदत्त जोशी, पेंशनर एसोसिएशन के पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में मंत्रालय के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल थे।
सोमवार को बांधेंगे काली पट्टी
अपनी मांगोंं को लेकर कर्मचारी संगठन सोमवार से काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। सितंबर के पहले सप्ताह में किसी भी दिन मंत्रालय में काम बंद कर हड़ताल करेंगे। इसको लेकर मंत्रालय के सभी कर्मचारी और अधिकारियों के बीच सहमति बनी है।