भोपाल। पंचायत चुनाव में ऐसे किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को मतदान दल में नहीं रखा जाएगा, जो छह माह के भीतर सेवानिवृत्त हो रहे हों। पंचायत चुनाव के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार मतदान अधिकारी नियुक्त होंगे। मतदान दल का गठन और किसकी कहां ड्यूटी लगेगी, यह साफ्टवेयर के माध्यम से तय किया जाएगा। पंचायत चुनाव सवा चार लाख अधिकारी-कर्मचारी संपन्न् कराएंगे। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। पहले चरण का मतदान 25 जून को होना है। इस बार जिला और जनपद पंचायत के सदस्य का चुनाव भी मतपत्र से कराने का निर्णय लिया गया है। राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने कलेक्टरों को मतदान दल के गठन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
प्रत्येक विकासखंड में 10 प्रतिशत अधिक मतदान दल गठित किए जाएंगे, ताकि अप्रिय स्थिति बनी तो तत्काल कर्मचारी को पहुंचाया जा सके। प्रत्येक मतदान दल में एक पीठासीन और तीन या चार मतदान अधिकारी रखे जाएंगे। एक मतदान अधिकारी मतदाता सूची और अमिट स्याही का प्रभारी होगा। जबकि, एक मतदान अधिकारी पंच एवं सरपंच के मतपत्र, एक जनपद और जिला पंचायत के मतपत्र और एक मतपेटी का प्रभारी रहेगा। जिनकी सेवानिवृत्ति में छह माह या उससे कम समय बाकी है, उनका उपयोग निर्वाचन संबंधी अन्य कार्यों में किया जा सकता है।
बैंक, एलआइसी के कर्मचारियों का ली जा सकती हैं सेवाएं
आयोग ने कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि यदि मतदान दल के लिए कर्मचारियों की कमी पड़ती है तो केंद्र शासन, बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) के कर्मचारियों की सेवाएं ली जा सकती हैं। तीन साल से अधिक सेवा वाले संविदा कर्मचारियों को भी मतदान दल में शामिल किया जा सकता है, पर इन्हें पीठासीन या मतदान अधिकारी के पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा।
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