नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees Provident Fund Organization- EPFO) से जुड़े लोगों को फंड निकासी (Fund Withdrawal) से लेकर खाते से जुड़ी अन्य समस्याओं से राहत मिलने जा रही है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labor and Employment) के निर्देश पर ईपीएफओ अपने सिस्टम को केंद्रीकृत करने का काम इस महीने के अंत तक पूरा कर लेगा। इसके बाद फरवरी से नाम में गलती या अन्य किसी वजह से पीएफ खाते से धनराशि निकलने में परेशानी नहीं होगी। उधर, मई- जून तक ईपीएफओ का सारा सिस्टम बैंकिंग की तरह काम करना शुरू कर देगा।
खाते से निकासी में परेशानी
पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि मौजूदा समय में ईपीएफ खाते से फंड निकासी के दौरान सदस्यों को कई तरह की समस्याएं आती हैं। नाम में गलती, आधार और बैंक खाते का नंबर अपडेट न होने, नौकरी छोड़ने पर पुरानी कंपनी की जमा धनराशि नए पीएफ खाते में ट्रांसफर न होने और एक व्यक्ति के नाम पर दो या उससे अधिक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जैसी कई त्रुटियों की स्थिति में निकासी में परेशानी होती है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखकर ईपीएफओ के सारे सिस्टम को अपडेट किया जा रहा है। अभी तक कर्मचारियों का रिकॉर्ड ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय वार रखा जाता है।
आईटी सिस्टम 2.01 पर तेजी से चल रहा काम
ईपीएफओ के आईटी सिस्टम 2.01 पर तेजी से काम चल रहा है। इसके तहत सारे रिकॉर्ड को केंद्रीकृत किया जा रहा है, जिससे त्रुटियों को ठीक करने में मदद मिलेगी। जनवरी के अंत तक 2.01 का काम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद ईपीएफओ से जुड़े सदस्यों को जरूरत पड़ने पर नियमों के तहत पीएफ निकासी में आसानी होगी। त्रुटियों को पकड़ने और उन्हें ठीक करने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि अगले छह महीने में ईपीएफओ अपने सदस्यों को बैंक जैसी सेवा देगा।
बैंकिंग जैसी सुविधा जून अंत तक
ईपीएफओ साथ में अपने आईटी सिस्टम 3.0 पर भी काम कर रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य खाताधारकों की फंड तक पहुंच आसान बनाना और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करना है। इसके पूरा होने के बाद ईपीएफओ बैंकिंग सिस्टम की तर्ज पर काम करने लगेगा। इमरजेंसी में आवश्यकता होने पर सदस्य एक निर्धारित धनराशि की निकासी कर पाएंगे। मई से जून के बीच 3.0 का काम पूरा हो जाएगा। इसके जरिए ईपीएफओ ऐप के जरिए भी सदस्यों को बैंकिंग जैसी सेवाएं प्रदान करेगा।
रोजगार में वृद्धि, बेरोजगारी दर में गिरावट
मंत्री ने रोजगार से जुड़े आंकड़े भी मीडिया के सामने रखे। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की तुलना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में रोजगार के अवसर बढ़े हैं जबकि बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट का भी हवाला दिया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
2014-24 के बीच देशभर में 17.19 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां मिली हैं। इसमें से वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंदर ही देश भर में 4.6 करोड़ लोगों को नौकरी मिली है। 2017-18 में युवाओं की रोजगार दर 31.4 प्रतिशत थी, जो 2023-24 में बढ़कर 41.7 प्रतिशत हो गई है। उधर, बेरोजगारी दर इस अवधि में 17.8 प्रतिशत से घटकर 10.2 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर ईपीएफओ के आंकड़ों को देखा जाए तो बीते सात वर्षों में देश भर में 18 से 28 वर्ष के 4.7 करोड़ युवाओं को नौकरी मिली है।
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