भोपाल। प्रदेश में सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारियों की पदोन्नति पिछले छह साल से बंद है। पदोन्नति का रास्ता निकालने के लिए गठित मंत्री समूह ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। मंत्री समूह ने कई बार बैठकों की खानापूर्ति करने के बाद पदोन्नति के लिए कर्मचारियों के संगठन सपाक्स और अजाक्स को आपस में सुलह कर समाधान निकालने के लिए कहा है। अब पदोन्नति को लेकर कर्मचारी संगठनों की अगली बैठक 17 फरवरी को होने वाली है। यदि इस बैठक में पदोन्नति का कोई रास्ता नहीं निकलता तो फिर कर्मचारी संगठन अब पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आंदोलन की रूपरेखा बनाएंगे। सपाक्स और अजाक्स से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार इसी गुरुवार को पदोन्नति को लेकर बैठक प्रस्तावित है। बैठक सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव विनोद कुमार की अध्यक्षता में होगी, जिसमें दोनों संघों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। इस बैठक को ‘पदोन्नति में आरक्षणÓ को लेकर अहम माना जा रहा है। मंत्री समूह से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार पदोन्नति को लेकर तैयार है। यदि कर्मचारी संगठन सपाक्स और अजाक्स इस पर सहमत हैं तो फिर सरकार जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठा सकती है। हालांकि मंत्री समूह के सूत्रों ने बताया कि पदोन्नति में आरक्षण पर सहमति नहीं बन पा रही है। सपाक्स ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों का हवाला देकर इस पर आपत्ति दर्ज कराई है। यही वजह है कि मंत्री समूह पदोन्नति पर कोई निर्णय नहीं ले पाया है।
पदोन्नति पर बन सकती है सहमति
सरकार को उम्मीद है कि कर्मचारी संगठन आपस में बैठक कर पदोन्नति पर सहमति जता सकते हैं। हालांकि अजाक्स इस पर पहले ही असहमति जता चुका है। अजाक्स पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था के साथ पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने के पक्ष में है। जबकि सपाक्स सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के हवाला देकर इसका समर्थन नहीं कर रहा है। इधर सरकारी सूत्रों का कहना है कि पिछले छह साल में हजारों की संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी बिना पदोन्नति के रिटायर्ड हो गए हैं। इसमें सपाक्स एवं अजाक्स के शामिल हैं।
पदोन्नति चाहते हैं अधिकारी कर्मचारी
संगठनों के नेताओं के इतर ज्यादा कर्मचारी एवं अधिकारी पदोन्नति के पक्ष में है। क्योंकि छह साल में अधिकारी एवं कर्मचारियों का काफी नुकसान हो चुका है। यदि पदोन्नति का मामला फिर से कोर्ट पहुंच गया तो फिर कई कर्मचारी अधिकारी बिना पदोन्नति के रिटायर्ड हो जाएंगे। आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों के अनुसार 17 फरवरी के बाद पदोन्नति को लेकर रणनीति तय बनाएंगे। जरूरत पड़ी तो आंदेालन भी किया जाएगा।
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