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    कर्मचारी संगठन फिर नाराज, सालों से लंबित मांगें मनवाने पर अड़े

  • December 20, 2020

    • प्रदेश में हर संवर्ग के कर्मचारी सरकार को पहले भी गिना चुके हैं मांगें

    भोपाल। कोरोना संक्रमण की वजह से शांत कर्मचारी संगठन सरकार के खिलाफ फिर नाराज हो गए हैं। अलग-अलग संगठन के प्रमुख मुख्यमंत्री, मंत्रियों और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं। यह मुलाकात सालों से लंबित मांगों को पूरा करने के एवज में की जा रही है। राज्य मंत्रालयीन कर्मचारी संघ मांगों को पूरा कराने के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान पूरा कर चुका है। इस अभियान से मुख्य सचिव को अवगत करा दिया है। ये कर्मचारी आवास की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा इनका कहना है की लिपिको की वेतन विसंगति को दूर किया जाए। पदनाम बदले जाएं व पदोन्नति दी जाए। मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों का एक बड़ा तबका है जो राज्य के लगभग हर विभाग में कार्यरत है। केंद्र की कई योजनाएं इन्हीं संविदा कर्मियों के भरोसे चल रही है। ये सालों से मांग करते आ रहे हैं कि उन्हें नियमित किया जाए। इन्होंने मध्य प्रदेश संविदा अधिकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर के नेतृत्व में सरकार को दोबारा पत्र भेजा है। जिसमें संविदा कर्मियों कि नियुक्ति खत्म करने का विरोध किया है। साथ ही नियमित करने की बात भी दोहराई है। मध्य प्रदेश कर्मचारी कांग्रेस के नेतृत्व में अलग-अलग संवर्ग के सैकड़ों कर्मचारी वेतन वृद्धि देने, महंगाई भत्ता जारी करने की मांग कर रहा है। सरकार ने कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए महंगाई भत्ता और वेतन वृद्धि को स्थगित किया था। एमपी फार्मासिस्ट एसोसिएशन के राजवीर त्यागी व अन्य सरकार द्वारा हाल ही में जारी 4500 नर्सेस व अन्य स्टाफ की भर्ती प्रक्रिया में अस्थाई नर्स व अन्य कर्मचारियों को शामिल करने की मांग कर रहे हैं जिन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान लाखों मरीजों को ठीक करने में सरकार की मदद की है। सरकार ने अब इन अस्थाई कर्मियों को काम से बंद कर दिया है और भर्ती के लिए नया विज्ञापन जारी किया है।
    पेंशनर्स अलग नाराज है शुक्रवार को पेंशनरों के एक दल ने सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की है और कहां कि सातवें वेतनमान का लाभ उन्हें देरी से दिया था इसलिए सरकार पर 27 महीने के एरियर की राशि बकाया है वह राशि दिलाई जाए। कर्मचारी संयुक्त मोर्चा और पुरानी पेंशन बहाली संगठन के बैनर तले प्रदेश के ज्यादातर कर्मचारी संवर्ग पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन की शुरुआत कर चुके हैं। इसका नेतृत्व कर रहे कर्मचारी जितेंद्र सिंह का कहना है कि पूरी उम्र सरकारी सेवाओं में लगाने वाले कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित होना चाहिए। इसलिए पुरानी पेंशन चालू की जाए। यह आंदोलन मध्य प्रदेश से शुरू होकर अलग-अलग राज्यों में चल रहा है। मध्य प्रदेश के स्थाई कर्मी खुद को शोषित महसूस कर रहे हैं। स्थाई कर्मचारी संघ के शंकर सिंह और शारदा प्रसाद परिहार की मांग है कि स्थाई कर्मियों को नियमित की तरह सुविधा दी जाए, वेतन बढ़ाया जाए, अनुकंपा नियुक्ति के नियम लागू कर हजारों मृतक स्थाई कर्मियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। कर्मचारी संवर्ग इन सभी मांगों को लेकर आने वाले दिनों में आंदोलन करने की चेतावनी दे चुके हैं।

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