नई दिल्ली। अगले हफ्ते एक बार फिर कर्ज का बोझ बढ़ सकता है. अमेरिकन ब्रोकरेज एजेंसी (American Brokerage Agency) का कहना है कि रिजर्व बैंक (RBI) की प्रस्तावित बैठक में रेपो रेट (Repo Rate) में और बढ़ोतरी की जा सकती है. नीतिगत दरों में 35 बेसिस प्वाइंट के इजाफे की आशंका जताई गई है. अगर दरों में वृद्धि होती है, तो सभी तरह के लोन (Loan) महंगे हो जाएंगे.
Bofa सिक्योरिटीज की रिपोर्ट जारी
पीटीआई के मुताबिक, बोफा सिक्योरिटीज (Bofa Securities) ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा है मौजूदा स्थिति को देखते हुए आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (Monetary Policy Committee) 5 अगस्त को होने वाली बैठक में रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला कर सकती है. इसका सीधा असर लोन लेने वाले लोगों पर पड़ेगा, क्योंकि सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे और ईएमआई बढ़ जाएगी.
क्या होती है रेपो दर?
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) उस दर को कहते है जिस दर पर बैंकों को आरबीआई पैसा रखने पर ब्याज देती है। रेपो रेट के कम होने से लोन की ईएमआई (EMI) घट जाती है, जबकि रेपो रेट में बढ़ोतरी (Growth) से कर्ज महंगा हो जाता है।
आरबीआई गवर्नर ने कही थी ये बात
हाल ही में आरबीआई गवर्नर (RBI Governer) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि हेडलाइन मुद्रास्फीति, अप्रैल में हल्की गिरावट के बाद 7.04 फीसदी पर आई है, यानी अभी भी यह तय मानक से ऊपर बनी हुई है. ऐसे में महंगाई को काबू में करने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकते हैं. बोफा की रिपर्ट में अनुमान जताया गया कि ग्रोथ और अर्थव्यवस्था (Economy) की स्थिति के आधार पर दरों में बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है.
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