नई दिल्ली। लगातार बढ़ रही महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने हाल ही में रेपो दर में 0.40 फीसदी इजाफा किया है। जून एवं अगस्त में होने वाली मौद्रिक समिति नीति की बैठक में नीतिगत दरों में और बढ़ोतरी की आशंका है। इसे देखते हुए बैंक और वित्तीय संस्थान कर्ज की दरें बढ़ा रहे हैं। केंद्रीय बैंक के रेपो दर बढ़ाने के बाद से एसबीआई समेत विभिन्न बैंक होम-ऑटो और विभिन्न प्रकार के कर्ज महंगे कर चुके हैं। इसका असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। उन्हें ज्यादा ईएमआई चुकानी पड़ रही है। अगर आपने भी होम लोन लिया है तो बैंकों की ओर से ब्याज दरें बढ़ाने के बाद भी अतिरिक्त ईएमआई के बोझ से कुछ हद तक छुटकारा पा सकते हैं।
प्री-पेमेंट के विकल्प के जरिये घटा सकते हैं ब्याज
लोन अवधि खत्म होने से पहले समय-समय पर प्री-पेमेंट का मौका मिला है। इसके जरिये आप ब्याज देनदारी घटा सकते हैं। प्री-पेमेंट के लिए कंपनी से मिले बोनस या अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न सिर्फ कुल होम लोन पर लगने वाले ब्याज में कमी आएगी बल्कि ईएमआई अवधि भी घटेगी। आपके पास एक लाख रुपये की अतिरिक्त पूंजी है तो इसका इस्तेमाल प्री-पेमेंट के लिए कर सकते हैं। इससे कुल 50 लाख रुपये के होम लोन पर ब्याज 2,67,399 रुपये कम हो जाएगा, जो नौ ईएमआई के बराबर है।
ऐसे पड़ेगा आपकी जेब पर असर
बैंक बाजार की गणना के अनुसार, अगर आपने 20 साल के लिए 7 फीसदी ब्याज दर पर 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है तो इस रकम पर कुल 93,03,587 रुपये का भुगतान करना होगा। इसमें 43,03,587 रुपये का ब्याज भी शामिल है। इस कर्ज को चुकाने के लिए हर महीने 38,765 रुपये की ईएमआई देनी होगी।
अगर ब्याज दर बढ़कर 7.4 फीसदी हो जाती है तो 20 साल के लिए 50 लाख के होम लोन पर कुल 95,93,875 रुपये चुकाना होगा। इसमें 45,93,875 रुपये का ब्याज भी शामिल है। इसके लिए हर माह 39,974 रुपये ईएमआई चुकानी होगी। इस तरह, ब्याज दर में महज 0.4 फीसदी बढ़ोतरी पर हर महीने ईएमआई में 1,209 रुपये का इजाफा हो जाएगा। इसके साथ ही होम लोन की अवधि भी करीब 18 महीने बढ़ जाएगी।
8 वर्ष पहले खत्म कर सकते हैं लोन
50 लाख रुपये के कुल होम लोन पर ही अगर आप हर साल बचे हुए कर्ज (आउटस्टैंडिंग लोन) 5 फीसदी अतिरिक्त जमा करते हैं तो आपकी कुल देनदारी दो तिहाई कम हो जाएगी। इस तरह, आपकी 20 साल की अवधि का होम लोन 8 साल पहले यानी 12 साल में खत्म हो जाएगा।
बढ़ा सकते हैं भुगतान अवधि
ब्याज दरें बढ़ने पर ईएमआई के बोझ पर छुटकारा पाने के लिए आप लोन की अवधि बढ़ा सकते हैं। हालांकि, इस विकल्प का इस्तेमाल करते समय ध्यान दें कि ब्याज पर अधिक राशि खर्च होगी। इसके अलावा, आप सस्ती दर पर किसी अन्य बैंक में लोन ट्रांसफर करा सकते हैं। इस विकल्प का इस्तेमाल करते समय प्रोसेसिंग फीस आदि की जानकारी लेकर वास्तविक फायदे की गणना जरूर कर लें।
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