इस्लामाबाद: अफगान तालिबान (Afghan Taliban) के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने पाकिस्तान तालिबान (TTP) और इस्लामाबाद (Islamabad) के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है। उन्होंने टीटीपी को पाकिस्तान (Pakistan) का आंतरिक बताया लेकिन साथ ही कह कि अगर पाकिस्तान सरकार चाहे तो अफगान तालिबान मध्यस्थता (mediate) कर सकता है। तालिबान के प्रभाव वाला टीटीपी अफगानिस्तान सीमा से लगे पाकिस्तान के उत्तरी इलाके में काफी असर रखता है। टीटीपी के साथ जंग में पाकिस्तान के अंदर हजारों लोग मारे जा चुके हैं। पाकिस्तानी सेना ने इसके खिलाफ 2014 में एक बड़ा ऑपरेशन भी चलाया था लेकिन वह इसे खत्म करने में नाकाम रही। अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद पाकिस्तान में टीटीपी के हमलों में तेजी आई है।
पाकिस्तान से संबंधों पर बोले मुजाहिद
पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट इंटिपेंडेंट उर्दू के साथ बातचीत में मुजाहिद ने कहा, ‘हम पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं।’ उन्होंने पाकिस्तान को एक ऐसा पड़ोसी बताया जिसके साथ अफगानिस्तान भाषा, धर्म और व्यापक सांस्कृतिक संबंध साझा करता है। टीटीपी के अफगान जमीन का इस्तेमाल किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि तालिबान यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान या अन्य देशों के खिलाफ किसी भी संघर्ष के लिए न किया जाए।
पाकिस्तान को दी नसीहत
टीटीपी की गतिविधियों के बारे में पाकिस्तान की चिंताओं पर जवाब देते हुए मुजाहिद ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान किसी को भी अपने क्षेत्र से युद्ध छेड़ने की अनुमति नहीं देता है। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को नसीहत भी दे डाली कि इस्लामाबाद को अगर कोई चिंता है तो उसे साझा करना चाहिए. लेकिन मीडिया के जरिए आरोप लगाने से केवल अविश्वास बढ़ता है।
मुजाहिद ने आगे कहा कि ‘अगर पाकिस्तान चाहे तो हम मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, हम तब तक हस्तक्षेप नहीं करते हैं जब तक कि दोनों पक्ष समाधान के लिए वास्तविक इच्छा न जाहिर करें।’ उन्होंने हाल ही में सीमा पर हुई झड़पों के बारे में भी बात की और सीमा बंद होने के असर को भी रेखांकित किया। मुजाहिद ने कहा कि तालिबान ने व्यापार और सीमा मुद्दों को राजनीति से अलग रखने की कोशिश की है और हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान भी ऐसा ही करेगा।
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