रोम: इटली में गुरुवार से जी-7 समिट की शुरुआत हुई है। दुनिया के बड़े नेता समिट में शामिल होने के लिए इटली पहुंचे हैं। इसी बीच इटली की संसद में कुछ ऐसा हुआ है, जो पीएम जार्जिया मेलोनी और सरकार के लिए शर्म का सबब बन रहा है। समिट की शुरुआत से ठीक पहले इटली के पीएम संसद में भिड़ गए और जमकर एक-दूसरे पर लात घूंसे चलाए। इटली की संसद में सरकार की देश के कई क्षेत्रों को अधिक स्वायत्तता देने की योजना पर हंगामा मचा है। इटली के विपक्षी दल सरकार की नीतियों को फासीवादी बता रहे हैं। इसी मामले पर बुधवार शाम को संसद में एमपी आपस में भिड़ गए। लड़ाई तब शुरू हुई जब फाइव स्टार मूवमेंट के डिप्टी लियोनार्डो डोनो ने स्वायत्तता समर्थक नॉर्दर्न लीग के क्षेत्रीय मामलों के मंत्री रॉबर्टो काल्डेरोली के गले में इतालवी झंडा बांधने की कोशिश की।
डोनो का रॉबर्टो के गले में झंडा बांधने का मकसद उन क्षेत्रों को अधिक स्वायत्तता देने की योजना की निंदा करना था। उनका कहना है कि यह इटली की एकता को कमजोर करता है। डोनो की हरकत से रॉबर्टो काल्डेरोली के साथी सांसद भड़क गए। सांसदों ने अपनी बेचों से उठकर डोनो को घेर लिया। इसके बाद जमकर हंगामा शुरू हो गया। डोनो को सांसदों ने खासतौर से निशाना बनाया। संसद के भीतर की लड़ाई का अंदाज इससे लगा सकते हैं कि हाथापाई के बाद घायल डोनो को व्हीलचेयर पर अस्पताल ले जाना पड़ा।
इटली की राजनीति में मचा हंगामा
संसद के भीतर हुए हंगामे ने इटली की राजनीति में उफान ला दिया है। इस घटना को इतालवी अखबारों के पहले पन्ने पर जगह मिली है। बड़ी संख्या मे लोगों ने निर्वाचित प्रतिनिधियों के बीच हुए इस झगड़े की कड़ी आलोचना की है। इटली के प्रमुख दैनिक कोरिएरे डेला सेरा ने कहा है कि हमारी पार्लियामेंट ‘बॉक्सिंग रिंग’ में बदल गया है। प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की पार्टी के सांसदों ने डोनो पर इस घटना को भड़काने और यहां तक कि अपनी चोटों का नाटक करने का आरोप लगाया। इटली की सरकार के लिए ये इसलिए भी शर्मिंदगी की वजह बन रहा है क्योंकि देश में जी-7 समिट चल रहा है।
इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने कहा कि सांसदों का बर्ताव अच्छा नहीं था। उन्होंने कहा कि जनता के प्रतिनिधियों को खुद को उच्च मानक पर रखना चाहिए। राजनेताओं को “एक पूरी तरह से अलग उदाहरण स्थापित करना होगा। उन्होंने साफतौर से कहा कि पार्लियामेंट में हाथापाई स्वीकार्य नहीं हो सकती है, इससे राजनीतिक समस्याओं का समाधान नहीं निकलेगा।
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