भिण्ड। भिंड में कोरोना आपदा के बीच मानवता को शर्मसार करने वाली एक और तस्वीर सामने आई है। जहां कोरोना पीड़ित गर्भवती महिला का शव अंतिम संस्कार के लिए चार घंटे श्मशान घाट पर जमीन पर पड़ा रहा, लेकिन न तो परिजन अंतिम संस्कार के लिए आगे आए और न ही प्रशासन ने प्रयास किया। आखिर में महिला के जेठ ने अंतिम संस्कार किया वो भी बगैर पीपीई किट पहने।
दरअसल शहर के वनखंडेश्वर रोड़ की रहने बाली गीता शाक्य सात माह की गर्भवती थी। गीता को पिछले चार दिन से बुखार आ रहा था। वह बीटीआई रोड़ स्थित महावीर नगर में अपने पिता मुंशीलाल जाटव के घर रह रही थी। फिर सोमवार को गीता की हालत बिगड़ी तो परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां महिला कि रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई और आधे घंटे में ही दम तोड़ दिया।
अस्पताल विभाग की लापरवाही
महिला की मौत के बाद शव को पीपीई किट में लपेटकर स्वास्थ्य विभाग ने एम्बुलेंस की मदद से श्मसान घाट पहुंचा दिया। लेकिन कर्मचारी अंतिम संस्कार करने की बजाय उसका शव मुक्तिधाम के अंदर डाल कर चलते बने, साथ ही परिजनों ने भी उसकी सुध नहीं ली, आख़िर में महिला के जेठ ने हिम्मत जुटाई और उसका अंतिम संस्कार करने के लिए आगे आया।
पुलिस कराती है प्रक्रिया
वही ज़िला अस्पताल अधीक्षक सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल ने बताया के स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड से मौत होने पर बॉडी को सैनेटाइज किया जाता है और बॉडी बेग में पैक कर एम्बुलेंस से शमशान तक पहुंचाया जाता है। सिविल सर्जन ने बताया कि उनकी तरफ़ से बॉडी बैग में पैक करने के बाद इसकी सूचना प्रशासन और पुलिस को भी दी जाती है। जिससे की आगे की प्रक्रिया पुलिस पूरी कराती है।
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