नई दिल्ली: भारत में टेस्ला की एंट्री के लिए रेड कार्पेट बिछाया जा चुका है. एलन मस्क की टेस्ला भी आने को पूरी जरह से तैयार है. अब जो टेस्ला ने केंद्र सरकार को अपना प्लान सौंपा है. उसने केंद्र सरकार और उसके अधिकारियों को असमंजस में डाल दिया है. टेस्ला के प्लान के मुताबिक यदि सरकार भारत में ऑपरेशनल के पहले दो सालों के दौरान इंपोर्टिड वाहनों पर 15 फीसदी की छूट देती है तो अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार मेकर टेस्ला लोकल फैक्ट्री स्थापित करने के लिए 2 बिलियन डॉलर का निवेश करने को तैयार है. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि टेस्ला ने सरकार को एक डिटेल्ड प्लान सौंपा है. इस प्लान में इंवेस्टमेंट का वॉल्यूम टेस्ला की इंपोर्टिड कारों की संख्या से जोड़ा गया है.
टेस्ला के प्लान के अनुसार अगर सरकार सरकार 12,000 वाहनों के लिए टैरिफ में रियायत देती है तो कंपनी 500 मिलियन डॉलर तक निवेश करने को तैयार है. अगर यही रियायत 30,000 वाहनों के लिए होती है तो इंवेस्टमेंट 2 बिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है. जानकारों की मानें तो सरकार टेस्ला के इस ऑफर की एग्जामिन करने में जुट गई है कि क्या वास्तव में फैक्ट्री स्थापित करने के लिए 2 बिलिसन डॉलर का निवेश सही है या नहीं.
क्या चाह रही है सरकार?
सरकार चाहती है कि अमेरिकी कार मेकर ने जो इंपोर्टिड कारों पर जो रियायत मांगी है उसकी संख्या को कम करें. जानकारी के मुताबिक सरकार इस बात का भी मूल्यांकन कर रही है कि क्या चालू वित्त वर्ष (10,000 यूनिट्स) में भारत में बेचे जाने वाली कुल ईवी पर रियायती टैरिफ को 10 फीसदी पर किया जा सकता है और इसे अगले वित्त वर्ष में 20 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. मौजूदा वित्त वर्ष 2023 में करीब 50,000 ईवी बेची गई हैं और चालू वित्त वर्ष में इसकी संख्या एक लाख जाने की उम्मीद है. टेस्ला 2 सालों में भारत में निर्मित कारों के मूल्य का 20 फीसदी तक लोकलाइज करने और 4 सालों में इसे 40 फीसदी तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हो सकता है.
मिलकर हो रहा है मूल्यांकन
प्रस्ताव का मूल्यांकन पीएमओ के मार्गदर्शन में प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड यानी डीपीआईआईटी, मिनिस्ट्री ऑफ हैवी इंडस्ट्री यानी एमएचआई, मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे और फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से ज्वाइंटली किया जा रहा है. अभी तक किसी की तरफ से कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है. भारत 40,000 डॉलर से अधिक लागत वाली कारों पर 100 फीसदी और उससे सस्ते वाहनों पर 70 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है.
बैंक गारंटी की जरुरत क्यों?
वहीं दूसरी ओर सरकार टेस्ला से बैंक गारंटी देने की भी बात कर रही है. वास्तव में यह बैंक गारंटी इसलिए मांगी जा रही है कि अगर अमेरिकी कार मेकर वादे के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट नहीं लगाता है तो तो सरकार को आयात शुल्क के रूप में होने वाले नुकसान की भरपाई उस बैंक गारंटी से की जा सके. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि कंपनी सरकार से बैंक गारंटी पर जोर न देने का अनुरोध कर रही है.
कितनी होगी गाड़ियों की कीमत
टेस्ला तीन कार मॉडल मॉडल 3, मॉडल Y और एक नई हैचबैक के साथ भारत में उतरने की योजना बना रही है. जिनकी अमेरिका में कीमत क्रमशः 39,000 डॉलर (32.37 लाख रुपए), 44,000 डॉलर (36.52 लाख रुपए) और 25,000 (20.75 लाख रुपए) होगी. जानकार के अनुसार रियायती इंपोर्ट चार्ज दिए जाने पर भारत में मॉडल 3 और मॉडल Y की कीमत 38 लाख रुपए और 43 लाख रुपए होने की संभावना है.
पीयूष गोयल ने किया था टेस्ला का विजिट
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में अमेरिका में टेस्ला की फैक्ट्री की अपनी विजिट के दौरान कहा था कि टेस्ला इस साल भारत से 1.7-1.9 बिलियन डॉलर के ऑटो पार्ट्स खरीदने की योजना बना रही है, जो वित्त वर्ष 2023 में 1 बिलियन डॉलर से अधिक है. अलग से, केंद्र सरकार ने कहा है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लोकल प्रोडक्शन को सुविधाजनक बनाने के लिए बढ़ाया गया कोई भी प्रोत्साहन विदेशी और घरेलू खिलाड़ियों के लिए एक जैसा होगा. सरकार ने कहा था कि वह किसी भी कंपनी-स्पेसिफिक छूट के पक्ष में नहीं है.
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